सोनभद्र (उप्र)। प्रियंका गांधी वाड्रा के मंगलवार को उम्भा के दौरे के समय उनके सहयोगी द्वारा एक पत्रकार से बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इस वीडियो को 'टैग' कर ट्वीट किया कि सोनभद्र के गरीबों का आंसू पोंछने का नाटक बंद कीजिए। उन्होंने कहा कि 'प्रियंकाजी! आप सोनभद्र के गरीबों का आंसू पोंछने का नाटक बंद कीजिए, प्लीज!'
कुमार ने कहा कि 'मीडिया की स्वतंत्रता की दुहाई देने वाले कहां हैं, जब प्रियंका वाड्रा के सचिव एक पत्रकार के साथ बदसलूकी कर रहे हैं और वे कुछ नहीं बोल रही थीं।' उन्होंने कहा कि 'पर उत्तरप्रदेश सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।'
वीडियो में दिख रहा है कि पत्रकार प्रियंका से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बारे में सवाल कर रहा है, लेकिन प्रियंका के सहयोगी उसे धक्का देकर पीछे ढकेल रहे हैं। इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी होती है। सहयोगी को पत्रकार से यह कहते भी सुना जा सकता है कि वह भाजपा से पैसे लेकर उसके इशारे पर काम कर रहा है।
अनुच्छेद 370 को हटाने को बताया असंवैधानिक : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह जिस ढंग से किया गया, वह पूरी तरह असंवैधानिक एवं लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत है।
प्रियंका ने 370 पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसे जिस ढंग से किया गया, वह पूरी तरह असंवैधानिक है और लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत है। जब ऐसे फैसले किए जाते हैं तो नियम-कायदों का पालन करना होता है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उनकी पार्टी संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष करती आई है।
इस मुद्दे पर पार्टी में अलग-अलग राय पर प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस की कोई अलग-अलग राय नहीं आई। कांग्रेस पार्टी की सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्यसमिति) जब हुई थी, उसमें स्पष्ट राय है। जो हुआ है, वो संविधान को नकारा गया है और कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संविधान और लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी है। हम उस लडाई को लड़ते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि 'ये एक बहुत स्पष्ट राय है और यही स्टेटमेंट (बयान) है कि जिस तरह से ये किया गया है। सिंधियाजी, जो सीडब्ल्यूसी में हैं, ने भी ये स्टेटमेंट साइन (बयान पर दस्तखत) किया है तो सब सहमत हैं।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हमारे यहां सिर्फ एक ही व्यक्ति की आवाज नहीं सुनी जाती है, जैसा कि भाजपा में होता है। कांग्रेस में सबकी आवाज सुनी जाती है, उस पर चर्चा होती है, तब कोई राय कायम होती है। (भाषा)