जर्मनी की घरेलू गुप्तचर सेवा ने दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) को लेकर अपने पर्यवेक्षण का दायरा बढ़ा दिया है। पार्टी में व्याप्त अतिवादी सोच को लेकर चिंता जताई जा रही थी। इस तरह से नजर रखने का मतलब होगा कि पार्टी के सदस्यों के बयानों और किसी अतिवादी गुट के साथ उनके संबंधों को बारीकी से देखा जाएगा। हालांकि इन पर गुप्त रूप से निगरानी नहीं रखी जाएगी।
घरेलू गुप्तचर सेवा के प्रमुख थोमाल हाल्डेनवांग ने बताया कि जिस तरह से एएफडी नाजी काल के अत्याचारों को हल्का करके बता रही है और इसके कुछ सदस्य अपने राजनीतिक लक्ष्यों को पाने के लिए जैसे क्रांतिकारी उपायों की बात करते हैं, उन्हें लेकर चिंता है। यही कारण हैं कि इस जर्मन दल पर नजर रखने का फैसला लिया गया। एएफडी की युवा इकाई और पूर्वी जर्मनी के एक प्रमुख नेता ब्योर्न होएके से जुड़े पार्टी के ही एक गुट पर विशेष रूप से निगरानी रखी जाएगी।
हाल्डेनवांग ने बताया कि इनकी गुपचुप तरीके से निगरानी भी की जाएगी। पार्टी के सह-प्रमुख अलेक्जांडर गाउलांड ने आरोप लगाया है कि खुफिया सेवा का यह कदम राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने इसे गलत बताया और कहा कि इसके खिलाफ पार्टी कानूनी कार्रवाई करेगी। जर्मन संसद को कमतर आंकने वाले किसी भी दल या गुट को रोकना खुफिया सेवा की जिम्मेदारी है। एएफडी पर निगरानी के फैसले तक पहुंचने से पहले एजेंसी ने कई महीने पार्टी से जुड़ी जानकारियां जुटाने में लगाए थे।
हाल्डेनवांग ने कहा कि एजेंसी के पास इसके पर्याप्त प्रमाण हैं कि पार्टी के कुछ तत्व संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध काम कर रहे हैं। धुर राष्ट्रवादी पार्टी एएफडी को 2017 के जर्मन आम चुनावों में तीसरा स्थान मिला था। अपनी स्थापना के छह सालों में ही वह संसद में प्रमुख विपक्षी दल बन चुकी है। बीते समय में पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्यों ने यह कहकर एएफडी को छोड़ दिया कि वहां अब दक्षिणपंथी अतिवादियों का बोलबाला है। एएफडी ने हाल ही में अपने उन तीन सदस्यों को पार्टी से निकाल दिया, जिन्होंने एक नव-नाजी समारोह में हिस्सा लिया था।