पिछले साल भारत के साथ विवाद होने के बाद कनाडा में पढ़ने जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है। कनाडा ने भारत पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल होने का संदेह जताया था। कनाडा ने पिछले साल भारतीयों को कम स्टडी वीजा जारी किए हैं। 2022 के मुकाबले पिछले साल की चौथी तिमाही में 86 फीसदी कम छात्र वीजा जारी हुए। जहां 2022 की चौथी तिमाही में 108,940 वीजा जारी किए गए थे, वहीं 2023 में इसी अवधि में मात्र 14,910 वीजा जारी हुए।
भारत ने कनाडा के कई राजनयिकों को अपने यहां से निष्कासित कर दिया था जिनमें वीजा जारी करने वाले अधिकारी भी शामिल थे। कनाडा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा है कि उसके बाद से बहुत कम छात्र वीजा जारी हुए हैं।
स्टाफ नहीं है
कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें नहीं लगता आने वाले निकट भविष्य में हालात में कोई सुधार होगा। उनका कहना है कि संबंधों में तनाव का असर आने वाले दिनों में भी छात्रों की संख्या पर दिखाई देता रहेगा। मिलर ने कहा, 'भारत से आने वाली अर्जियों की संख्या पर कार्रवाई की हमारी क्षमता भारत के साथ रिश्तों के कारण आधी हो गई है।'
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद तब पैदा हो गया था जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में एक बयान में कहा था कि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे 'पुख्ता सबूत' हैं कि कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की भूमिका हो सकती है।
अभी तक निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कनाडा ने कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया था।
निज्जर की हत्या के बाद
बीते साल जून में निज्जर की कनाडा में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में 2 अज्ञात युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कनाडा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने निज्जर के खिलाफ कथित तौर पर आतंकी हमले की साजिश रचने के मामले में चार्जशीट दायर की थी।
निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब का प्रमुख था और वह कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का चीफ था। निज्जर भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों में से एक था, जिस पर भारत ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया था और इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे से एक-एक राजनयिक को हटाने के लिए कहा था। इसके बाद भारत ने कनाडा से अपने 40 से अधिक राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था।
भारत से 41 राजनयिकों की वापसी के बाद कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत ने विएना कन्वेंशन के खिलाफ राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा था। इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'हम समानता के कार्यान्वयन को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में चित्रित करने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करते हैं।' इस तनाव का एक-दूसरे के यहां आने-जाने वाले यात्रियों और खासकर कनाडा पढ़ने जाने वाले छात्रों की संख्या पर बहुत अधिक असर हुआ है।
बड़ा आर्थिक झटका
कनाडा के ओटावा में भारतीय उच्चायोग में काउंसलर भारत के राजदूत सी. गुरुसुब्रमण्यन ने कहा कि कनाडाई संस्थानों में 'रहने और पढ़ाई की सुविधाओं में कमी के कारण' छात्र अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। मिलर ने कहा, 'मैं नहीं बता सकता कि कूटनीतिक रिश्ते किस दिशा में बढ़ेंगे, खासकर अगर पुलिस आरोप दायर करती है। इस सुरंग के दूसरी ओर रोशनी नजर नहीं आ रही है।'
हालिया सालों में कनाडा पढ़ने जाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की रही है। 2022 में जितने कुल स्टूडेंट वीजा जारी हुए थे उनमें से 2 लाख 25 हजार 835 यानी लगभग 41 फीसदी भारतीय थे। ये अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा के विश्वविद्यालयों के लिए कमाई का बड़ा जरिया हैं। वे देश के लिए सालाना लगभग 16.4 अरब डॉलर धन लाते हैं और इनकी संख्या में कमी कनाडा के लिए बड़ा झटका होगा।
2023 में करीब 9 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे थे जिनमें से लगभग 40 फीसदी भारतीय थे। पिछले साल कुल मिलाकर भारतीय छात्रों की संख्या में 4 फीसदी गिरावट आई, फिर भी वे एक देश से जाने वाले छात्रों की संख्या में सबसे ऊपर थे।
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)