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क्या है जाधव के लिए पाकिस्तानी अदालत में लड़ने का भारत का नया सुझाव

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DW

, शनिवार, 19 सितम्बर 2020 (08:22 IST)
रिपोर्ट चारु कार्तिकेय 
 
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की तरफ से पाकिस्तान की अदालत में जिरह करने के लिए अधिवक्ता को नियुक्त करने के संबंध में भारत ने पाकिस्तान को एक नया सुझाव दिया है।
 
भारत ने प्रस्ताव दिया है कि क्वींस काउंसल यानी इंग्लैंड की महारानी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता को जाधव के पक्ष में दलीलें पेश करने की इजाजत दी जाए। यूके और कुछ कॉमनवेल्थ देशों में यूके की राजशाही की तरफ से कुछ जाने-माने वकीलों को क्वींस काउंसल नियुक्त किया जाता है, जो कॉमनवेल्थ देशों की अदालतों में राजशाही का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
भारत जैसे कई देशों ने इस पद को अब हटा दिया है लेकिन यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में यह पद अभी भी जीवित है। हाल ही में भारत के जाने-माने अधिवक्ता हरीश साल्वे को इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों के लिए क्वींस काउंसल नियुक्त किया गया था।
 
भारत चाह रहा है कि साल्वे को ही यह अवसर मिले। हालांकि बताया जा रहा है कि भारत ने कहा है कि पाकिस्तान कोई भी क्वींस काउंसल चुन सकता है। साल्वे का जाधव के मामले से पुराना ताल्लुक है। 2017 में भारत ने जब अंतरराष्ट्रीय अदालत आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ शिकायत की थी कि वो भारतीय दूतावास के अधिकारियों को जाधव से मिलने नहीं दे रहा है, तब अदालत में साल्वे ने ही भारत का पक्ष रखा था।
 
2017 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ शिकायत की थी कि वो भारतीय दूतावास के अधिकारियों को जाधव से मिलने नहीं दे रहा है। मामले में निर्णय देते हुए आईसीजे ने पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वो एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दी गई मौत की सजा पर पुनर्विचार करे और भारतीय अधिकारियों को जाधव से मिलने दे।
 
पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में जाधव को दिए गए मृत्युदंड पर पुनर्विचार की याचिका दायर करने का निमंत्रण दिया था और कहा था कि यह याचिका या तो खुद जाधव दायर कर सकते हैं या उनके द्वारा कानूनी रूप से अधिकृत कोई प्रतिनिधि या भारतीय उच्च आयोग का एक काउंसलर अधिकारी दायर कर सकता है।
 
भारत ने मांग की थी कि किसी भारतीय वकील को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में जाधव के लिए दलील पेश करने की अनुमति दी जाए लेकिन पाकिस्तान ने इस मांग को ठुकरा दिया था। पाकिस्तान ने कहा था कि देश के कानून के अनुसार पाकिस्तान की अदालतों में कोई गैर-पाकिस्तानी वकील जिरह नहीं कर सकता है।
 
भारत को उम्मीद है कि क्वींस काउंसल के सुझाव से शायद यह गतिरोध टूट जाए और जाधव को सजा के खिलाफ अपील करने का न्यायसंगत अवसर मिल सके। इस पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है। देखना होगा कि पकिस्तान इस प्रस्ताव को मंजूर करता है या नहीं?

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