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भारत और अमेरिका के बीच औद्योगिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर

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, शनिवार, 21 दिसंबर 2019 (17:58 IST)
अपने-अपने देशों में भारी राजनीतिक संकटों के बीच भारत और अमेरिका के शीर्ष मंत्रियों ने 18 दिसंबर को '2+2' वार्ता के दूसरे संस्करण के तहत कई विषयों पर बातचीत की और दोनों देशों के परस्पर सहयोग को आगे बढ़ाया।

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने पर सहमति हुई। बातचीत में भारत की तरफ से थे विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका की तरफ से थे विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षामंत्री मार्क एस्पर।

बातचीत के दौरान चारों मंत्रियों ने कहा कि उनके बीच रक्षा के क्षेत्र में और बेहतर सहयोग करने पर सहमति बनी है। इसमें मुख्य रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यासों में सैन्य दलों की संख्या बढ़ाना और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में भाग लेने की भारत के पड़ोसी राज्यों की क्षमता बढ़ाना शामिल है।

दोनों पक्षों के बीच दुनिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर दोनों देशों की चिंताओं पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी चुनौतियों पर चर्चा हुई जिसमें भारत पाकिस्तान का बैर मुख्य रूप से शामिल था। बैठक के बाद प्रेस वार्ता में एस्पर ने कहा की अमेरिका, भारत के साथ एक निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार समझौते पर भी काम कर रहा है।

पोम्पियो ने घोषणा की कि दोनों देशों ने रक्षा संबंधों को मजबूत बनाते हुए इसमें अब आईएसए यानी औद्योगिक सुरक्षा एनेक्स (पूरक अंश) को भी शामिल कर लिया है। इस एनेक्स के शामिल होने से दोनों देशों के बीच अहम जानकारियों और तकनीक का हस्तांतरण आसान हो जाएगा।

उन्होंने ट्वीट करके यह भी कहा कि बैठक में भारत-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाने पर भी बातचीत हुई।
राजनाथ सिंह ने कहा कि '2+2' की बदौलत दोनों देशों की नीतियों में तालमेल बढ़ा है।

बैठक के पहले अटकलें लग रही थीं कि बातचीत का ये दौर ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका की तरफ से भारत के लिए कई मुद्दों पर आलोचनात्मक बयान आए हैं। मोदी सरकार विपक्ष के विरोध के बावजूद नागरिकता का एक नया कानून लेकर आई है जिसे मुस्लिमविरोधी बताया जा रहा है और उसके खिलाफ देशभर में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

अमेरिका के विदेश विभाग ने नई दिल्ली से कहा है कि वो 'भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे।' लेकिन बैठक के बाद हुई प्रेस वार्ता में पोम्पियो ने नागरिकता कानून पर कहा कि हमें हमेशा दुनिया के हर कोने में अल्पसंख्यकों के सुरक्षा की चिंता रहती है। हम भारत के लोकतंत्र का आदर करते हैं, क्योंकि वहां इस मुद्दे पर एक मजबूत बहस चल रही है।'
- सीके/एनआर (एपी)

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