Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

यूरोप में हो सकते हैं आतंकी हमले: ईयू

हमें फॉलो करें यूरोप में हो सकते हैं आतंकी हमले: ईयू

DW

, बुधवार, 6 दिसंबर 2023 (09:54 IST)
-एसएम/वीके (डीपीए, एपी)
 
गाजा में जारी इसराइल और हमास के बीच युद्ध के कारण यूरोपीय संघ में आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है। ईयू में गृह मामलों की कमिश्नर ने यह आशंका जताई है। इल्वा योहानसन, यूरोपीय संघ की गृह मामलों की कमिश्नर हैं। उन्होंने कहा है कि गाजा में जारी युद्ध के कारण छुट्टियों के इस मौसम में ईयू सदस्य देशों पर 'आतंकवादी हमलों का गंभीर खतरा' मंडरा रहा है।
 
ब्रसेल्स में ईयू के आंतरिक विभाग के मंत्रियों की बैठक से पहले योहानसन ने पिछले हफ्ते पेरिस में चाकू से हुए हमले का जिक्र किया। इस वारदात में एक जर्मन पर्यटक की मौत हो गई, साथ ही 2 लोग घायल भी हुए।
 
पेरिस हमले से डर बढ़ा
 
खबरों के मुताबिक हमलावर ने 'इस्लामिक स्टेट' के प्रति निष्ठा जताई। हमलावर दिमागी स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों के कारण करीबी मनोवैज्ञानिक निगरानी में भी रखा गया था। इस हमले का जिक्र करते हुए योहानसन ने कहा कि इसराइल और हमास के बीच युद्ध और इसके कारण हमारे समाज में हो रहे ध्रुवीकरण की वजह से आने वाले त्योहार के मौसम यूरोपीय संघ के भीतर आतंकी हमलों का गंभीर खतरा है।
 
योहानसन ने पहले की घटनाओं के संदर्भ में आशंका जताई कि हमने हाल ही में पेरिस में ऐसा होते हुए देखा। हम पहले भी ऐसा देख चुके हैं। इस चेतावनी के पीछे क्या जानकारी है, इस बारे में योहानसन ने कोई ब्योरा नहीं दिया। योहानसन ने यह भी ऐलान किया कि ईयू 30 मिलियन यूरो यानी लगभग 2.50 अरब रुपए की अतिरिक्त राशि मुहैया कराएगा जिसका इस्तेमाल 'धार्मिक जगहों की सुरक्षा' जैसे मद में होगा।
 
इस्लामिक दुष्प्रचार से चिंता
 
जर्मनी की आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फेजर ने पेरिस में हुए ताजा हमले पर कहा कि यह घटना रेखांकित करती है कि 'मौजूदा समय में ईयू के भीतर इस्लामिक आतंकवाद कितना गंभीर खतरा है।' उन्होंने कहा कि गाजा में युद्ध और हमास का आतंक ऐसी स्थिति पैदा कर रहा है।
 
फेजर ने जोड़ा कि हमें अभी खासतौर पर इस्लामिक खतरों पर करीबी निगाह रखने की जरूरत है और पड़ोसी देशों के साथ मिलकर इस्लामिक दुष्प्रचार से निपटना होगा। जर्मनी समेत कई देशों ने हमास को आतंकवादी संगठन का दर्जा दिया हुआ है।
 
ब्रसेल्स में होने वाली बैठक के दौरान मध्य-पूर्व और यूक्रेन में हो रहे युद्ध के परिदृश्य में ईयू की सुरक्षा पर बातचीत होने की उम्मीद है। साथ ही, ईयू की शरण देने संबंधी नीति और माइग्रेशन रिफॉर्म भी बैठक के मुख्य मुद्दे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पाकिस्तान की डांवाडोल अर्थव्यवस्था: महंगाई और राजनीतिक संकट की मार झेलती जनता