रिपोर्ट : चारु कार्तिकेय
तालाबंदी लागू होने के बाद पहली बार 3 जून को एक संसदीय समिति की बैठक बुलाई गई है। तालाबंदी के दौरान 100 देशों में संसदीय कार्य चल रहे थे, लेकिन भारत में नहीं।
भारतीय संसद एक लंबे अंतराल के बाद फिर से सक्रिय होने जा रही है। गृह मंत्रालय के कार्यों की देखरेख करने वाली संसद की समिति के अध्यक्ष आनंद शर्मा ने 3 जून को समिति की बैठक बुलाई है। पूरे देश में तालाबंदी लागू होने के बाद यह पहली संसदीय बैठक होगी। ये वर्चुअल बैठक नहीं होगी और इसमें सदस्यों के स्वयं उपस्थित रहने की उम्मीद है। संभावना है कि इस बैठक में समिति तालाबंदी और उसके प्रबंधन के सभी आयामों की समीक्षा करेगी।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के अलावा समिति में राज्यसभा के 8 और सदस्य हैं और लोकसभा के 21। शर्मा ने इससे पहले समिति की वर्चुअल बैठक आयोजित करने की कोशिश की थी लेकिन राज्यसभा सचिवालय ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। सचिवालय का कहना था वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करने पर बैठक की गोपनीयता पर खतरा होगा।
मार्च में संसद के बजट सत्र को 2 सप्ताह पहले ही समाप्त कर संसद को बंद कर दिया गया था। तालाबंदी के दौरान शर्मा और विपक्ष के अन्य नेताओं ने लगातार मांग की कि संसदीय बैठकों को वर्चुअल तरीके से होने दिया जाए, क्योंकि देश में आपातकाल जैसी स्थिति थी और ऐसे में सरकार के कार्यों की संसदीय समीक्षा बेहद आवश्यक थी। लेकिन सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देकर लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों ने वर्चुअल बैठकों की इजाजत नहीं दी।
एक रिपोर्ट के अनुसार महामारी के बीच पूरी दुनिया में कम से कम 100 देशों में संसदीय कार्य निरंतर चल रहा था लेकिन भारत में बंद था। कनाडा में तो संसद का वर्चुअल सत्र भी हुआ। अब देखना होगा कि संसदीय समिति की यह बैठक हो पाती है या नहीं? तालाबंदी के बीच सार्वजनिक यातायात धीरे-धीरे खुल रहा है। ट्रेनें सीमित संख्या में चल रही हैं और घरेलू उड़ानें भी शुरू हो गई हैं। सांसद सड़क मार्ग से भी दिल्ली आ सकते हैं।