बीमार व्यक्ति को जितनी जल्दी अपनी बीमारी का पता चल जाए, उतना अच्छा है। साइंस पत्रिका प्रोसेडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी में छपी एक रिसर्च के मुताबिक अब तस्वीरें देखकर व्यक्ति के बीमार होने का पता लगाया जा सकता है।
स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में दावा किया गया है कि अब इंसान की बीमारी का पता उसकी फोटो से चल सकेगा। रिसर्चरों के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को कोई कीटाणु जकड़ता है तो महज दो घंटे के भीतर उसकी तस्वीर से पता चल जाएगा कि वह संक्रमित है या नहीं। स्टडी में कहा गया है कि चेहरे के हावभाव हमेशा ही इंसान की सेहत बयां करते रहे हैं लेकिन इस तरह की बात पहली बार सामने आई है। स्टडी में शामिल जॉन एक्सेलसन कहते हैं, "अगर बीमार लोगों का जल्दी पता चल जाए तो उन्हें आम लोगों के करीब जाने से रोका जा सकता है। इससे अधिक लोगों के बीमार होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाएगा।"
रिसर्चरों की टीम ने इस शोध में 16 वॉलंटियरोंको शामिल किया, जिन्हें लिपोपोलीसेक्राइड्स (एलपीएस) दिया गया। लिपोपोलीसेक्राइड्स बैक्टीरिया में मिलने वाले मॉल्यूक्यूल होते हैं। इस प्रक्रिया में वॉलंटियरों को वे एलपीएस दिए गए जो बैक्टीरिया के प्रभाव से सुरक्षित थे। बैक्टीरिया के जाने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय होती है और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करती है। ये लक्षण कुछ देर के लिए ही होते हैं और ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे कि संक्रमित व्यक्ति के भीतर होता है। इस प्रक्रिया को आम तौर पर इंसानों और जीवों में प्रयोगों के दौरान इंफेक्शन फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वॉलंटियरोंको अपनी तस्वीर एलपीएस शॉट लेने के दो घंटे बाद लेनी थी। मतलब एक स्वास्थ्य अवस्था में और दूसरी बीमारी में। लेकिन एलपीएस शॉट के बाद देखा गया कि फोटो लेने के दौरान कुछ लोग अधिक बीमार महसूस कर रहे थे और कुछ पर इनका असर बेहद ही कम था।
इसके बाद स्वस्थ और बीमार अवस्था, दोनों तरह की तस्वीरों को कई उम्र वर्ग के लोगों को दिखाया गया। इसमें उन्हें बीमार और सेहतमंद व्यक्ति की पहचान करनी थी। इसके बाद जो नतीजे सामने आए, वे रिसर्चरों के लिए अच्छे थे। 16 लोगों की इन तस्वीरों में से 13 तस्वीरों की पहचान लोगों ने बीमार व्यक्ति के रूप में की। कुल मिलाकर यह परीक्षण 81 फीसदी सफल रहा।
इस रिसर्च की खास बात यह थी कि इसमें शरीर में इंफेक्शन जाने के तुरंत बाद शरीर कैसे व्यवहार करता है, उस पर बात की गई है। इस रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों का दावा है कि मानव शरीर में बीमारी का पता बेहद ही शुरुआती चरण में भी लगाया जा सकता है।