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पुनर्वसु जोशी का अनुवाद ट्रांसलेशन प्राइज के लिए शॉर्टलिस्ट

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WD Feature Desk

, सोमवार, 30 जून 2025 (14:46 IST)
इंदौर। डॉ. पुनर्वसु जोशी ने हिन्दी के कहानीकार मनोज कुमार पाण्डे की कहानी, 'किसान की आत्महत्या आयोग से पत्र' का अंग्रेजी अनुवाद किया था। इस अनुवाद को अमेरिका से मिलने वाले आर्मरी स्क्वायर प्राइज फॉर साउथ एशियन लिटरेचर इन ट्रांसलेशन के लिए भेजा था। अनुवाद ट्रांसलेशन प्राइज के लिए शार्टलिस्ट हुआ है। अमेरिका से मिलने वाला आर्मरी स्क्वेयर ट्रांसलेशन प्राइज, दक्षिण एशिया के साहित्य को अंग्रेजी अनुवाद के जरिए बाकी दुनिया तक पहुंचाने का काम करता है।
 
इसके अलावा अनुवाद की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका words  Without Borders में छपेगी। इस पुरस्कार की अंतराष्ट्रीय जूरी में जानी मानी हस्तियां डेजी रॉकवेल, जेसन ग्रूनबॉम, अरुणव सिन्ह, दीना चलाबी, वी.वी. गणेशनाथन, पद्दा विश्‍वनाथन और पिया साहनी शामिल थीं। आर्मरी स्क्वायर पुरस्कार, दक्षिण एशियाई साहित्य को अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए दिया जाने वाला एक पुरस्कार है। यह पुरस्कार 2022 में शुरू किया गया था, और इसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई भाषाओं से अंग्रेजी में अनुवादित साहित्य को बढ़ावा देना है, जो वैश्विक साहित्यिक परिदृश्य में कम प्रतिनिधित्वित है। 
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उल्लेखनीय है कि डॉ. पुनर्वसु जेशी ख्यात लेखक, चिंतक, कहानीकार और चित्रकार प्रभु जोशी के पुत्र हैं। पुनर्वसु जोशी ने अमेरिका से नैनोटेक्नोलॉजी में पी.एच.डी की है। सन 2014 में भारत लौटने के बाद वे एक नैनोटेक्नोलॉजी शोधकर्ता से अनुवादक बने। उन्होंने हिंदी साहित्य की चुनिंदा 40 कहानियों का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया। ये कहानियां हिंदी साहित्य के सवा सौ साल के विस्तार को दिखाती हैं। ए जर्नी इन टाइम I और II (2019) शीर्षक से 1000 पन्नों का यह अनुवाद, दो खंडों में छपा है। इसके बाद हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक पद्मश्री डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी के व्यंग उपन्यास 'पागलखाना' का अंग्रेजी अनुवाद 'द मैड हाउस' के नाम से छपा था। यह नियोगी प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। हिंदी में यह एक बहुत ही यूनिक तरह का उपन्यास है जिसे बहुत अवार्ड मिल चुके हैं।

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