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Lohri 2025: किस दिन मनाई जाएगी लोहड़ी 13 या 14 जनवरी? जानें सही डेट और महत्व

हमें फॉलो करें Lohri 2025: किस दिन मनाई जाएगी लोहड़ी 13 या 14 जनवरी? जानें सही डेट और महत्व

WD Feature Desk

, मंगलवार, 7 जनवरी 2025 (13:11 IST)
Lohri Kab Hai 2025: 'लोहड़ी' उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह पर्व सूर्य उत्तरायण के समय तथा हर साल मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। पंजाब, हरियाणा तथा संपूर्ण भारत में संक्रांति के पहले दिन सूर्यास्त के पश्चात संध्या पर इस त्योहार को बहु‍त ही उल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर की मानें तो वर्ष 2025 में लोहड़ी का फेस्टिवल 13 जनवरी, दिन सोमवार को पड़ रहा है। 
 
आइए जानते हैं लोहड़ी फेस्टिवल का महत्व क्या हैं :
 
Highlights
  • लोहड़ी का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
  • लोहरी त्योहार कहां मनाया जाता है?
  • पंजाब में लोहड़ी क्यों मनाई जाती है?
किस दिन मनाई जाएगी लोहड़ी 2025 : आपको बता दें कि वर्ष 2025 में लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी, दिन सोमवार को मनाया जा रहा है। तथा 14 जनवरी, दिन मंगलवार को मकर संक्रांति का शुभ पर्व मनाया जाएगा। तथा इस दिन सूर्य मकर राशि के परिवर्तन करेंगे और सूर्य उत्तरायण का पर्व भी मनाया जाएगा। 

लोहड़ी सोमवार, जनवरी 13, 2025 को
लोहड़ी संक्रांति का क्षण- जनवरी 14, 2025 को सुबह 09 बजकर 03 मिनट तक।
मकर संक्रांति- मंगलवार, जनवरी 14, 2025 को
 
लोहड़ी का महत्व : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उत्तर भारत पंजाब में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है, जो रबी की फसल की कटाई करने के बाद 13 जनवरी को पड़ता है। इस दिन सायंकाल के समय अलाव जलाकर इस अग्नि में या अग्निदेव को तिल-गुड़, रेवड़ी, खील, गेहूं की बालियां, मूंगफली और मक्का आदि को भोगस्वरूप चढ़ाया जाता है। 
 
माना जाता है कि लोहड़ी के दिन अग्निदेव का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास निरंतर बना रहता है तथा घर की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन सुदृढ़ होती जाती है, जिससे घर में कभी भी धन-धान्य का अभाव नहीं रहता है। लोहड़ी की अग्नि बहुत ज्यादा पवित्र होती है, अत: इसमें झूठा और तामसिक भोजन नहीं डालना चाहिए। आम तौर पर लोहड़ी वाली रात के समय किसी खुले स्थान या परिसर में इस उत्सव का आयोजन किया जाता है तथा रिश्तेदारों, समाजजन तथा जान-पहचान वालों को पर्व की शुभकामनाएं देते हूए इस त्योहार को सेलिब्रेट करने की परंपरा है। 
 
लोहड़ी का पर्व धार्मिक आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ यह कृषि या किसानों की कड़ी मेहनत को भी दर्शाता है तथा यह सब ईश्वर और प्रकृति के आशीर्वाद से ही संभव हो पाता है। इस दिन को रबी की फसल की कटाई के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।

पंजाबी समुदाय के परिवारों में नए जोड़े की पहली लोहड़ी बहुत ही शुभ तथा विशेष मानी जाती है। इस दिन नवविवाहिताएं 16 श्रृंगार करती हैं। देश भर में लोहड़ी का त्योहार नए साल की शुरुआत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह भारत के एक लोकप्रिय त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


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