Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लोकसभा चुनाव में सपाक्स बिगाड़ेगी बीजेपी और कांग्रेस का खेल, 10 पार्टियों के साथ मिलकर बनाया 'समानता मोर्चा'

हमें फॉलो करें लोकसभा चुनाव में सपाक्स बिगाड़ेगी बीजेपी और कांग्रेस का खेल, 10 पार्टियों के साथ मिलकर बनाया 'समानता मोर्चा'

विकास सिंह

भोपाल , बुधवार, 6 मार्च 2019 (08:28 IST)
भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर छोटे दल गठबंधन बनाकर बीजेपी और कांग्रेस को घेरने में जुट गए हैं। उत्तर प्रदेश में पहले ही सपा और बसपा के बीच गठबंधन हो गया है तो अब मध्यप्रदेश में भी थर्ड फ्रंट की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
 
विधानसभा चुनाव के समय मध्यप्रदेश में खासी चर्चा में आई सपाक्स पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले समान विचारधारा वाली करीब दस पार्टियों के साथ मिलकर थर्ड फ्रंट 'समानता मोर्चा' का गठन किया है।
 
वेबदुनिया से बातचीत सपाक्स पार्टी के अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी कहते हैं कि मोर्चा मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान दिल्ली और झारखंड में चुनाव लड़ेगा। गठबंधन के तहत सपाक्स पार्टी करीब तीस लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
 
हीरालाल लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति पर बात करते हुए कहते हैं कि पार्टी मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा सीटों में से आधी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही पार्टी उत्तर प्रदेश में भी प्रमुख सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी अध्यक्ष हीरालाल खुद भी उत्तर प्रदेश की किसी वीआईपी सीट से चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे हैं।
 
वहीं पार्टी विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए इस बार उम्मीदवार चयन में काफी सावधानी बरत रही है। मध्यप्रदेश में जोर शोर के साथ विधानसभा चुनाव में उतरी पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था, जिसके बाद पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मोर्चा बनाया है। चुनाव आयोग ने सपाक्स पार्टी को झूला चुनाव चिन्ह आवंटित किया है, जिस पर पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।
 
आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग - एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ मध्यप्रदेश में हुए सवर्णों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाली सपाक्स पार्टी आज भी अपने रूख पर कायम है। वेबदुनिया से बातचीत में हीरालाल त्रिवेदी कहते हैं कि सपाक्स पार्टी जातिगत आरक्षण के खिलाफ है और इसी मुद्दें को लेकर पार्टी लोकसभा चुनाव में आगे बढ़ेगी।

गरीब सवर्णों को नौकरी और शिक्षा में दस फीसदी आरक्षण देने के कानून का समर्थन करते हुए हीरालाल कहते हैं कि आरक्षण जाति आधरित न होकर आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए, जिससे समाज में एकरूपता आ सके।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिग्विजय का मोदी सरकार को चैलेंज, साहस है तो दर्ज करो देशद्रोह का मुकदमा