भोपाल। लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर से बीजेपी की 8 बार की सांसद पार्टी की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन क्या पार्टी संगठन से नाराज हैं? ये सवाल आज इंदौर से लेकर भोपाल तक सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ताई की नाराजगी की खबरें सामने आने की वजह के एक नहीं, कई कारण हैं। शनिवार को बीजेपी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में ताई का नहीं शामिल होना उनकी नाराजगी की खबरों को और बल दे रहा है। पार्टी के स्थापना दिवस पर इंदौर बीजेपी कार्यालय में शनिवार को हुए कार्यक्रम में ताई का नहीं पहुंचना इस बात का संकेत है कि इंदौर की बीजेपी की सियासत में सब कुछ सही नहीं चल रहा है।
स्थापना दिवस कार्यक्रम में ताई का शामिल होना पहले से तय था लेकिन ताई कार्यक्रम में नहीं पहुंचीं। इससे पहले शुक्रवार को जब ताई ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले की जानकारी सीधे मीडिया को दी थी तो इसके बाद से ही ये सवाल खड़ा हो गया था कि क्या ताई पार्टी से नाराज हैं?
30 साल से सांसद सुमित्रा महाजन के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान को जहां बीजेपी के नेता खुद ताई का निर्णय बता रहे हों, लेकिन अब तक ये सवाल नहीं सुलझ पाया है कि आखिरी ऐसा क्या हुआ कि ताई को मीडिया के जरिए पार्टी को बताना पड़ा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगी।
ताई ने चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले की जानकारी सीधे मीडिया को पत्र लिखकर दी, न कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को। इस पत्र को लेकर अब बीजेपी के नेता जहां खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, वहीं सियासत के जानकार इसे बीजेपी के अंदर के आज के हालात क्या हैं, इसको बताने के लिए काफी मान रहे हैं।
सियासत के जानकार कहते हैं कि सुमित्रा महाजन जैसी वरिष्ठ नेता ने जैसे मीडिया को सीधे पत्र के जरिए अपने चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी दी, उससे पार्टी के अंदर संवादहीनता स्पष्ट दिखती है। ताई का खुद भी इस बात को कहना कि 'पार्टी की तरफ से बने असमंजस और पार्टी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने से उन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया।'
इसके साथ ही इंदौर से अब तक बीजेपी के उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं होने पर भी ताई पार्टी पर सीधे सवाल उठाती हैं। ताई के मीडिया को लिखे गए पत्र की पूरी भाषा ये बताने के लिए काफी है कि वे पार्टी संगठन के कामकाज के तरीके से खुश नहीं हैं।