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मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से अधिक अपनों से खतरा!

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हमें फॉलो करें मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से अधिक अपनों से खतरा!

विकास सिंह

, सोमवार, 22 अप्रैल 2019 (10:13 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में लंबे सस्पेंस के बाद आखिरकार भाजपा ने रविवार रात इंदौर लोकसभा सीट से शंकर लालवानी के नाम का ऐलान कर सभी 29 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। पार्टी ने जैसे ही शंकर लालवानी के नाम का ऐलान किया, वैसे ही उनका विरोध शुरू हो गया।
 
सोशल मीडिया पर पार्टी के कार्यकर्ता खुलकर शंकर लालवानी का विरोध करने लगे। सूबे में 29 लोकसभा सीटों में से 26 सीटों पर काबिज भाजपा में इस बार टिकट बंटवारे को लेकर जिस तरह विरोध देखने को मिल रहा है, उतनी नाराजगी शायद ही इससे पहले किसी लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है। विरोध इस कदर है कि चुनाव में भाजपा को इस बार कांग्रेस से अधिक अपनों से खतरा दिख रहा है।
 
एक दर्जन से अधिक सीटों पर विरोध : लोकसभा चुनाव में भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर किस कदर सवाल उठे है, उसको केवल इससे समझा जा सकता है कि पार्टी को एक दर्जन से अधिक सीटों पर अपनों के ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इंदौर में टिकट के ऐलान के बाद विरोध की तस्वीर कोई नई नहीं थी, इससे पहले भी कई सीटों पर नाम के ऐलान के साथ ही विरोध के स्वर खुलकर सामने आए थे।
 
खजुराहो लोकसभा सीट से वीडी शर्मा के नाम का ऐलान होने के बाद ही उनका पुतला फूंका गया और पार्टी के पूर्व विधायक राजू पोद्दार ने इस्तीफा दे दिया। पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर विरोध किस कदर है, इसकी बानगी बालाघाट लोकसभा सीट है जहां पार्टी के वर्तमान सांसद बोधसिंह भगत ने अपना टिकट कटने पर निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे है और अब पार्टी ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया है। 
 
इसके साथ ही पार्टी के मुरैना से वर्तमान सांसद अनूप मिश्रा भी अब खुले तौर पर पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं टिकट की आस लगाए बैठे चौधरी राकेश सिंह ने तो पार्टी को अलविदा कहकर अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस का हाथ फिर से थाम लिया है।
 
नए-पुराने सभी चेहरों को विरोध : भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए गुटबाजी के साथ साथ एंटी इंकमबेंसी फैक्टर को खत्म करने के लिए 26 सांसदों में 14 सांसदों के टिकट काट दिए, लेकिन इसके बाद भी पार्टी ने जो नए चेहरे उतारे उनका विरोध भी होने लगा।
 
पार्टी ने जिन वर्तमान सांसदों को फिर से टिकट दिया उनका बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। वर्तमान सांसद जिन्हें फिर से पार्टी ने मौका दिया, उनमें सीधी से रीति पाठक, मंदसौर से सुधीर गुप्ता, टीकमगढ़ से वीरेंद्र खटीक, खंडवा से नंदकुमारसिंह चौहान और राजगढ़ से रोडमल नागर का विरोध उनकी संसदीय सीट से लेकर भोपाल तक हुआ।
 
पार्टी ने जिन सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है, वहां भी विरोध के सुर कुछ कम नहीं हैं। भिंड से संध्या राय, शहडोल से हिमाद्री सिंह, बालाघाट से ढाल सिंह बिसेन और छिंदवाड़ा से नत्थन शाह के विरोध की खबरें भी खूब सुर्खियों में हैं।

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