भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी में लोकसभा टिकटों में परिवारवाद को लेकर जो घमासान मचा हुआ है उसमें अब नया मोड़ आ गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे ने परिवारवाद के आरोपों के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा कि वो परिवारवाद का कलंक लेकर राजनीति नहीं करना चाहते हैं, इसलिए लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी वापस ले रहे हैं।
अभिषेक भार्गव का दावा है कि बुदेंलखंड की तीन सीटों दमोह, सागर और खजुराहो से उनका नाम पैनल में केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा गया है। अभिषेक कहते हैं कि उनके स्थान पर पार्टी किसी कर्मठ कार्यकर्ता के नाम पर विचार कर उस टिकट दें।
अभिषेक भार्गव अपनी दावेदारी वापस लेते हुए लिखते हैं कि आदरणीय मोदी जी और आडवाणी जी के वंशवाद के विरूद्ध दिए गए बयान के बाद स्वयं में अपराधबोध महसूस कर रहा हूं। इतने बड़े संकल्प को लेकर पार्टी राष्ट्रहित में एक युद्ध लड़ रही है और सिर्फ अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए उस संकल्प की सिद्धि के रास्ते में रूकावट बनूं यह भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते मेरा स्वाभिमान मुझे इजाजत नहीं देता है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट देने की खुलकर वकालत की थी। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक के दौरान गोपाल भार्गव ने कहा था कि अगर नेताओं के बेटे राजनीति नहीं करेंगे तो क्या भीख मांगेंगे। गोपाल भार्गव ने खुद अपने बेटे के लिए लिए टिकट की दावेदारी करते हुए कहा था कि अभिषेक पार्टी का कार्यकर्ता है जो बीस साल से पार्टी के लिए काम कर रहा है।