उत्तर प्रदेश के अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने एक बार फिर भाजपा ने स्मृति ईरानी को चुनाव मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में राहुल को कड़ी टक्कर देने वाली स्मृति को भरोसा है कि इस चुनाव में वह राहुल को हरा देगी। इस बीच राहुल के केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ने संबंधी खबरें आ रही है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ने इस पर राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अमेठी ने भगाया, जगह-जगह से बुलावे का स्वांग रचाया, क्योंकि जनता ने ठुकराया। हैशटैग भाग राहुल भाग के साथ उन्होंने लिखा कि सिंहासन खाली करो राहुल जी कि जनता आती है।
वर्ष 2014 में राहुल गांधी को अमेठी में 4,08,651 वोट मिले थे और ईरानी को 3,00,748 मत हासिल हुए थे। इस तरह ईरानी को 1,07,903 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस की परंपरागत सीट है अमेठी : उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने मार्च 2004 में चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ राजनीति में प्रवेश की घोषणा की, जिसमें वे अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से लोकसभा के लिए खड़े हुए और लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एक उच्च स्तर के कांग्रेस अभियान में उन्हें प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया। हालांकि पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इससे राहुल को काफी आलोचना भी झेलना पड़ी थी।
राहुल को 24 सितंबर 2007 में पार्टी सचिवालय के एक फेरबदल में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया। उसी फेरबदल में, उन्हें युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। उनकी छवि कांग्रेस में एक युवा नेता के रूप में उभरी।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 333000 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया। इन चुनावों में कांग्रेस ने 80 लोकसभा क्षेत्रों वाले राज्य में 21 सीटें जीतकर राज्य में पार्टी में नए उत्साह का संचार किया। उस समय इस बदलाव का श्रेय भी राहुल गांधी को दिया गया।