कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साध्वी प्रज्ञा को लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने के पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए सोमवार को कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और मालेगांव विस्फोट मामले के असली गुनहगार कानून से बच गए।
साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में जमानत पर चल रहीं साध्वी प्रज्ञा को भाजपा ने भोपाल सीट से उम्मीदवार बनाया है। शाह ने यहां कहा कि यह पूरी तरह से सही फैसला है। उनके खिलाफ आरोप निराधार हैं। उनके या स्वामी असीमानंद के खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि असली गुनाहगारों को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ दिया गया। सवाल होना चाहिए कि उन्हें क्यों छोड़ा गया? विवादित एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर शाह ने कहा कि शरणार्थियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सत्ता में वापस आने के बाद भाजपा सबसे पहले संसद में विधेयक लाएगी और फिर घुसपैठियों को निकालने के लिए देशभर में एनआरसी लागू करेगी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी और वे पूरे सम्मान के साथ इस देश में रह सकेंगे। उन्हें ममता बनर्जी के भ्रमित करने वाले बयानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। लोकसभा ने 8 जनवरी को नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया लेकिन इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका, जहां भाजपा के पास बहुमत नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी से दायर किए चुनावी हलफनामे में नागरिकता और शैक्षिक योग्यताओं में कथित विसंगतियों पर एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि संबंधित निर्वाचन अधिकारियों को इसकी जांच करनी चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि बहुमत कम रहने पर क्या भाजपा तृणमूल कांग्रेस से समर्थन मांगेगी? इस पर उन्होंने कहा कि यह सवाल ही नहीं उठता। हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा। अपने इस आरोप को दोहराते हुए कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, शाह ने भरोसा जताया कि राज्य के लोग इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को हराएंगे। (भाषा)