नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर पर जांच करने पर एक चुनाव पर्यवेक्षक को निलंबित किए जाने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या देश में कुछ लोगों के लिए कोई विशेष कानून है? पार्टी ने यह सवाल भी पूछा कि प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर में ऐसा क्या होता है जिसे वह देश को नहीं दिखाना चाहते?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, 'पहले भी ऐसा होता रहा है कि चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग को कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष के काफिले की जांच करने की इजाजत थी। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की निजी तौर पर तलाशी नहीं हो सकती।'
उन्होंने सवाल किया, 'प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच करने के लिए अधिकारी को क्यों निलंबित किया गया? क्या संदेश दिया जा रहा है? क्या कुछ लोगों के लिए विशेष कानून है?'
इससे पहले कांग्रेस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा, 'वाहनों की जांच का अपना काम करने के लिए चुनाव आयोग ने एक अधिकारी को निलंबत कर दिया। नियमों के मुताबिक प्रधानमंत्री के वाहन को तलाशी से छूट नहीं है। प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर में ऐसा क्या ले जा रहे हैं जिसे वह भारत को दिखाना नहीं चाहते।'
मतदान के दौरान कुछ जगहों पर नमो फूड पैकेट बांटे जाने को लेकर भी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मोदी सरकार का नया हथियार है। प्रशासन का मौन इसमें सहयोगी साबित हो रहा है। लेकिन, लोकतंत्र में सरकारें जनता बनाती है। मोदी जी का हर हथकंडा विफल साबित होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने के लिए चुनाव आयोग ने ओडिशा के जनरल पर्यवेक्षक को बुधवार को निलंबित कर दिया।
आयोग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया। (भाषा)