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माकपा का चुनावी मंत्र, 'इस बार, मोदी बेरोजगार'

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 मार्च 2019 (15:07 IST)
नई दिल्ली। माकपा ने देश को मोदी सरकार की नीतियों से मुक्त कराने की रणनीति को लोकसभा चुनाव में प्रचार अभियान के केन्द्र में रखते हुए 'इस बार, मोदी बेरोजगार' नारे को प्रचार का मूलमंत्र बनाया है। 
 
माकपा की प्रचार अभियान रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी की अगुवाई में पिछले एक सप्ताह से जारी मैराथन बैठकों में यह फैसला किया गया है।
 
माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने बताया कि पार्टी इस चुनाव में देश के मतदाताओं के समक्ष तीन अपीलें करेगी। पहली अपील है 'देश बचाओ मोदी सरकार हटाओ'। दूसरी अपील है, वैकल्पिक नीति के लिए माकपा और वामदलों की संख्या बढ़ाओ। और तीसरी अपील है 'देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाओ।'
 
करात ने कहा कि इन नारों के माध्यम से जनता को पिछले पांच साल में सांप्रदायिक कट्टरता, किसान संकट और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए ‘इस बार मोदी बेरोजगार’ नारा चुनाव अभियान का मूलमंत्र होगा। 
 
उल्लेखनीय है कि माकपा ने भाजपा की ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम के जवाब में यह नारा गढ़ा है। उन्होंने बताया कि माकपा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी यह नारा बेहद लोकप्रिय हुआ और अब इसे जनता के बीच ले जायेंगे। 
 
पार्टी की चुनावी रणनीति के बारे में करात ने बताया, 'माकपा ने वामदलों के साथ मिलकर लड़ने वाली सीटों को चिन्हित करने के बाद अपने उम्मीदवारों की घोषणा शुरु कर दी है। इसके अलावा जिन सीटों पर वाम दल नहीं लड़ेंगे, उन पर हम विपक्षी दलों के उस उम्मीदवार को जिताने की अपील करेंगे जो भाजपा को हराने में सक्षम होगा।' 
 
उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी मानती है कि जनता ने मोदी सरकार को हराने में सक्षम उम्मीदवारों को मत देने का मन बना लिया है। इसलिये सभी प्रांतों की पृथक जमीनी हकीकत को देखते हुये हम ऐसी रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं कि भाजपा के खिलाफ मतों का विभाजन न्यूनतम हो।'
 
विपक्ष की एकजुटता पर उठते सवालों पर उन्होंने कहा, 'राजग में घटकदलों के टकराव को छुपाने के लिए विपक्षी दलों में विखंडन का दुष्प्रचार किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि सभी विपक्षी दलों का लक्ष्य, संविधान बचाने के लिए देश को मोदी सरकार से मुक्त कराना है।'
 
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ तालमेल की बात नहीं बनने के सवाल पर करात ने कहा, 'वहां हमारी सीधी लड़ाई भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के साथ है। वहां कांग्रेस की चार और माकपा की दो सीट थी। हमने तय किया इन छह सीटों पर हम एक दूसरे के लिए बाधक नहीं बनेंगे। आपस की इस समझ पर हम दोनों कायम हैं।'
 
माकपा के चुनाव अभियान में देरी के सवाल पर वरिष्ठ माकपा नेता ने कहा, 'चुनाव अभियान में देरी बिल्कुल नहीं हो रही है। जहां हम अकेले लड़ रहे हैं वहां माकपा और वामदलों ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। लेकिन जहां अन्य दलों से मिलकर लड़ रहे हैं वहां थोड़ा समय लगना लाजिमी है। पश्चिम बंगाल और केरल सहित अन्य राज्यों में हमारे उम्मीदवारों की दो सूची जारी हो गई हैं। शेष उम्मीदवार भी जल्द घोषित हो जाएंगे।' (भाषा) 

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