बिहार में भले ही भाजपा और जदयू साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हो लेकिन कुछ मुद्दों पर जदयू नेता नीतीश कुमार अभी भी नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी से सहमत नहीं है। दोनों ही दलों में सहमति नहीं बनने से जदयू लोकसभा चुनाव के 3 चरणों का मतदान होने के बाद भी अपना घोषणापत्र जारी नहीं कर सका है। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि जदयू का घोषणापत्र कब आएगा? आइए नजर डालते हैं उन मुद्दों पर, जिन पर भाजपा और जदयू के विचार अलग अलग है...
आर्टिकल 370 : आर्टिकल 370 पर भाजपा और जदयू के विचार बिल्कुल नहीं मिलते। जहां एक ओर नरेंद्र मोदी खुद 370 को खत्म करने की वकालत कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार इसके पूरी तरह खिलाफ हैं।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण : अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर भी भाजपा और जदयू के विचार बिल्कुल नहीं मिलते। हालांकि दोनों ही दल इस मामले पर अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं और मामले पर चुप्पी बनाए हुए हैं।
समान नागरिक संहिता : इस मुद्दे पर भी भाजपा और जदयू के बीच गंभीर मतभेद बने हुए हैं। मोदी सरकार अलग-अलग धर्मों में मौजूदा पर्सनल लॉ को खत्म करने के लिए समान नागरिक संहिता को लागू करना चाहती है। वहीं जदयू ऐसा नहीं चाहती।
उल्लेखनीय है कि बिहार में भाजपा, जदयू और एलजेपी एक साथ चुनाव लड़ रही है। तीनों दलों के बीच हुए समझौते के तहत जेडीयू और बीजेपी को 17-17 सीटों और राम विलास पासवान की एलजेपी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।