भोपाल। मध्य प्रदेश में पंद्रह साल पहले कर्मचारियों की नाराजगी के चलते सत्ता हाथ से गंवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अब कर्मचारियों के सामने नतमस्तक हो गए हैं।
भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनने के बाद कर्मचारियों के वोट बैंक को साधने के लिए उनके कार्यक्रम में पहुंचे दिग्विजय सिंह ने मंच से ही कर्मचारियों से माफी मांगी और कहा कि वो कर्मचारी के वोट के बिना जीत नहीं पाएंगे।
संयुक्त कर्मचारी संघ के होली मिलन कार्यक्रम में पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझसे कहीं भूल चूक हो गई तो 15 साल के बाद भी मुझे माफ कर दो, मैं आपके वोटों के बिना जीत नहीं पाऊंगा।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें कर्मचारी विरोधी बताकर बदनाम किया जाता है, जबकि उनके शासन काल के समय कर्मचारियों के हितों में कई योजनाएं चलाई गई। दिग्विजय ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि यदि वो जीतते हैं तो कर्मचारियों की सभी परेशानी को दूर करेंगे। वहीं कार्यक्रम में मंत्री पीसी शर्मा के साथ दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन ने भी कर्मचारियों से पिता के लिए वोट मांगा।
कर्मचारी वोट निर्णायक फैक्टर – भोपाल लोकसभा सीट पर कर्मचारी वोट बैंक निर्णायक फैक्टर का काम कर सकता है। लोकसभा सीट पर कुल 21 लाख वोटों में करीब एक चौथाई कर्मचारियों और उनके परिवार वालों के वोट है। ऐसे में चुनाव के समय ये वोट बैंक जिस तरफ रुख करेगा उसकी जीत की संभावना उतनी हीं अधिक हो जाएगी।