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'मिशन शक्ति' संबोधन से बढ़ सकती है पीएम मोदी की मुश्किल, नहीं ली थी चुनाव आयोग की अनुमति

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 29 मार्च 2019 (07:47 IST)
नई दिल्ली। ‘मिशन शक्ति’ की उपलब्धि के बारे में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर चुनाव आयोग ने दूरदर्शन और आकाशवाणी से प्रसारण की फीड का स्रोत एवं अन्य जानकारियां मांगी हैं। आयोग ने साफ कहा कि पीएम मोदी ने प्रसारण के पूर्व न तो चुनाव आयोग को सूचित किया था और ना ही अनुमति मांगी थी। 
 
उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में बताया कि पीएम के संबोधन से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ या नहीं, इसकी जांच के लिये आयोग द्वारा गठित समिति सभी पहलुओं की विस्तृत जांच कर रही है। 
 
मोदी के संबोधन से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आयोग को इस मामले में सूचित करने या अनुमति अनुमति मांगने के सवाल पर सक्सेना ने कहा, 'नहीं, इस बारे में न तो सूचित किया गया, ना ही अनुमति मांगी गई थी।' 
 
उल्लेखनीय है कि उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल प्रयोग से जुड़े ‘मिशन शक्ति’ की कामयाबी से देश को अवगत कराने के लिये मोदी के संबोधन को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुये माकपा नेता सीताराम येचुरी ने इसकी आयोग से शिकायत की थी। इसमें कहा गया है कि चुनाव आचार संहिता के दौरान सरकारी प्रसारण सेवा के माध्यम से पीएम के संबोधन से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है।
 
सक्सेना ने कहा कि दूरदर्शन और आकाशवाणी से पीएम के संबोधन के प्रसारण की फीड के स्रोत और अन्य तथ्यों से आयोग को अवगत कराने के लिये कहा गया है। इस पर दूरदर्शन और आकाशवाणी ने इस बारे में अपना पक्ष रख दिया है। 
 
सक्सेना ने कहा, 'संबोधन के बाद यह मामला विभिन्न माध्यमों से आयोग के संज्ञान में आया था। इससे चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का पता लगाने के लिए गठित समिति की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं।' 
 
इस मामले में आचार संहिता और कानून के उल्लंघन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच के लिये दूरदर्शन और आकाशवाणी सहित अन्य संबद्ध पक्षकारों से भी तथ्य और जानकारियां मांगी गई है।
 
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मिशन शक्ति के बारे में एक जनसभा में फिर से बोले जाने के कारण राजनेताओं को इस बारे में बोलने से रोकने के सवाल पर सक्सेना ने कहा कि इस मामले में आचार संहिता के उल्लंघन की जांच किसी निष्कर्ष पर पहुंचने तक इस बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं होगा। (भाषा) 

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