नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो गांधी परिवार युद्धपोत आईएनएस विराट का उपयोग निजी टैक्सी के रूप में करता था। इससे पहले भी मोदी ने राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी नंबर 1 करार दिया था।
राजधानी में सात संसदीय सीटों के लिए 12 मई को होने वाले चुनाव से पहले यहां अपनी पहली रैली में मोदी ने कांग्रेस से सवाल किया कि जिस नेता के नाम से वे वोट मांगते हैं, जब उनके कुकृत्यों को बेनकाब किया जाता है तो वे क्यों सुलग जाते हैं?
आम आदमी पार्टी पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने (आप) टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन किया और राष्ट्रीय राजधानी में शासन का नाकामपंथी मॉडल लेकर आए। वह रामलीला मैदान में दिल्ली में 2019 की पहली चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ राष्ट्रीय राजधानी में सातों सीटों के भाजपा के उम्मीदवार भी थे।
मोदी ने अपने भाषण में प्रदूषण नियंत्रण से लेकर यमुना नदी की सफाई, आतंकवाद से मजबूती से निपटने और मध्यम वर्ग के लिए रियायत के अलावा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के उपायों पर अपनी सरकार की नीति सहित कई मुद्दों को छुआ। उन्होंने दावा कि उन्होंने लोगों की जिंदगी को आसान बनाया है। उन्होंने कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि राजीव गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार और नौसेना ने उनके परिवार एवं ससुराल पक्ष की मेजबानी की और उनकी सेवा में एक हेलीकाप्टर को भी लगाया गया।
10 दिन द्वीप पर खड़ा रहा INS Virat : मोदी ने कहा, 'आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक निजी टैक्सी की तरह करके इसका अपमान किया गया। यह तब हुआ जब राजीव गांधी एवं उनका परिवार 10 दिनों की छुट्टी पर गए हुए थे। आईएनएस विराट को हमारी समुद्री सीमा की रक्षा के लिए तैनात किया गया था, किन्तु इसका मार्ग बदल कर गांधी परिवार को लेने के लिए भेजा गया जो अवकाश मना रहा था।' उन्होंने यह भी दावा किया कि गांधी परिवार को लेने के बाद आईएनएस विराट द्वीप पर 10 दिनों तक खड़ा रहा।
क्या यह देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं था : मोदी ने सवाल किया कि राजीव गांधी के साथ उनके ससुराल के लोग भी थे जो इटली से आये थे। सवाल यह है कि क्या विदेशियों को एक युद्धपोत पर ले जाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया गया? मोदी ने कहा, 'क्या यह कभी कल्पना की जा सकती है कि भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख युद्धपोत का इस्तेमाल निजी अवकाश के लिए एक टैक्सी की तरह किया जाए ?'
विमान वाहक आईएनएस विराट को भारतीय नौसेना में 1987 में सेवा में लिया गया था। करीब 30 वर्ष तक सेवा में रहने के बाद 2016 में इसे सेवा से अलग किया गया।