नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने रविवार को कहा कि दिल्ली की लोकसभा की सातों सीटों पर उनकी पार्टी का कांग्रेस से सीधा मुकाबला है और आगामी लोकसभा चुनाव में आप राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे स्थान पर रहेगी।
गोयल ने कहा कि लोग केंद्र में सरकार बनाने के लिए मतदान करेंगे इसलिए दिल्ली में हमारी लड़ाई कांग्रेस से है। अरविंद केजरीवाल और आप के लिए कौन वोट करेगा जिसकी देश में नई सरकार के गठन में कोई भूमिका नहीं है। चांदनी चौक लोकसभा सीट से पार्टी के संभावित उम्मीदवारों में गोयल का भी नाम चल रहा है। इस सीट का प्रतिनिधित्व फिलहाल केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन करते हैं। गोयल वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं।
मंत्री ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का कांग्रेस से सीधा मुकाबला होगा। दिल्ली के लोगों का (मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल से मोहभंग हो गया है। भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में सभी 7 सीटों पर फिर से जीत हासिल करेगी। गोयल की टिप्पणी इसके मद्देनजर महत्व रखती है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर अटकलें अभी थमी नहीं हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शीला दीक्षित ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एक बैठक के बाद कहा था कि पार्टी के अधिकतर नेताओं ने लोकसभा चुनाव के लिए आप के साथ तालमेल नहीं करने की राय जाहिर की है। बाद में गांधी ने भी कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) आगामी लोकसभा चुनाव में ऐसे गठबंधन के खिलाफ है।
गोयल ने कहा कि आप ने मान लिया है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस उससे आगे है और इसी कारण से पार्टी अध्यक्ष केजरीवाल उससे गठबंधन के वास्ते विनती कर रहे थे। उनके (केजरीवाल के) पास चुनाव में अकेले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने उनकी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया है।
गोयल ने कहा कि कांग्रेस का आप के साथ गठबंधन से इंकार करना भाजपा से मुकाबले के लिए उसका विश्वास दिखाता है लेकिन दिल्ली में सत्तारुढ़ आप में वह आत्मविश्वास भी नहीं है। गोयल 2013 में दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे थे। वे राज्यसभा में भेजे जाने से पहले दिल्ली सदर (1996) और चांदनी चौक (1998 और 1999) से भाजपा सांसद रह चुके हैं। वे फिलहाल नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि आप 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी भारी जीत के बाद लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में विफल रही है। आप के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आप ने 2017 में नगर निगम चुनाव में अपनी हार से भी कोई सबक नहीं लिया। लोगों ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ मतदान करने का मन बना लिया है, क्योंकि वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी है।
राष्ट्रीय राजधानी में लोकसभा की सभी 7 सीटें भाजपा के पास हैं। लोकसभा चुनावों के लिए आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन अगर यह हो जाता है तो भाजपा को 2014 में मिली सीटों को बनाए रखने में कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा। (भाषा)