लखनऊ। उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे अपने चुनावी चरण के अंतिम पड़ाव पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे सभी पार्टियां हर प्रकार के हथकंडे अपना रही हैं। ऐसा ही कुछ गठबंधन की रैलियों में देखने को मिल रहा है। वह भी हैरान करने वाला, क्योंकि अखिलेश के साथ हर मंच पर एक योगी दिख रहे हैं जो हूबहू बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हमशक्ल हैं।
गठबंधन की रैलियों में ज्यादातर ये अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करते हुए नजर आते हैं और कई बार तो अखिलेश यादव रैली के दौरान चुटकी लेते हुए यहां तक कह चुके हैं कि अब तो हमें इनका भी साथ मिल गया है, लेकिन योगी जैसे दिखने वाले यह कौन हैं और कहां से आए हैं और क्या नाता है इनका समाजवादी पार्टी से।
ऐसे बहुत सारे सवाल हैं जो जनता के बीच इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कौन है ये शख्स जो योगी आदित्यनाथ का डुप्लीकेट के रूप में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ रैलियों में मंच साझा करते नजर आ रहे हैं।
लखनऊ के रहने वाले सुरेश ठाकुर उर्फ योद्धा कुछ महीनों पहले तक सरकारी कर्मचारी थे और बसपा सुप्रीमो मायावती के जमाने में बने पार्क और स्मारक में नौकरी करते थे। वे पंप ऑपरेटर के पद पर तैनात थे। यह नौकरी सुरेश को साल 2011 में मिली थी, तब मायावती उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, लेकिन दिसंबर 2017 में उन्हें सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और तब तक उत्तरप्रदेश के नए मुखिया के रूप में योगी आदित्यनाथ ने पद ग्रहण कर लिया। सुरेश अपनी नौकरी को बचाने के लिए धरना-प्रदर्शन पर बैठे, लेकिन फिर भी अपनी नौकरी नहीं बचा पाए।
लेकिन इसका फायदा यह हुआ कि सुरेश कर्मचारियों के नेता बन के उभरे और फिर लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए राजनाथ सिंह के खिलाफ पर्चा दाखिल कर दिया, लेकिन यहां पर भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और उनका पर्चा खारिज हो गया। जब सारे रास्ते बंद हो गए तो सुरेश समाजवादी पार्टी की शरण में पहुंच गए।
समाजवादी पार्टी के ही एक नेता ने सुरेश की मुलाकात अखिलेश यादव से करवाई। सुरेश की कदकाठी देखकर कोई भी हैरान हो जाए, क्योंकि नौकरी जाने के बाद सुरेश ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए मुंडन करवा लिया और फिर भगवा वस्त्र धारण कर लिए। इससे वे हूबहू योगी आदित्यनाथ की तरह नजर आने लगे। उनकी शारीरिक बनावट, चाल-ढाल कुछ ऐसी कि अच्छा खासा आदमी भी उन्हें देखकर धोखा खा जाए। वही रंग रूप और कद-काठी भी काफी मेल खाती है।
पहली बार सुरेश ठाकुर को लोगों ने अखिलेश यादव के साथ 1 मई को देखा। समाजवादी पार्टी ऑफिस में लखनऊ लोकसभा सीट के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। अखिलेश ने सुरेश को मंच पर बुलाकर बैठने को कहा। कई लोगों ने तो उन्हें योगी आदित्यनाथ समझा।
अखिलेश ने नेताओं से सुरेश का परिचय कराया। फिर तो भगवाधारी सुरेश की डिमांड बढ़ गई। अखिलेश यादव तो उन्हें लेकर अयोध्या और बाराबंकी भी चले गए थे। फिर क्या था सुरेश को एक नई पहचान मिल गई और ज्यादातर चुनावी रैलियों में अखिलेश के साथ वे देखे जाने लगे।