Akhilesh Yadav's statement regarding BJP : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर में अपनी रैलियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज बिजनौर और मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के लिए 2 रैलियां कीं। इस दौरान उन्होंने बहसूमा में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह चुनाव संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए हो रहा है।
उन्होंने कहा कि नौजवान नहीं जानता कि उनके साथ चरखा दांव हो रहा है। राजनीति किसानों को उनका अधिकार दिलवाने, नौजवानों को नौकरी और रोजगार दिलवाने के लिए होनी चाहिए ना कि चरखा दांव दिखाकर अपनी कमी छुपाने के लिए नहीं होनी चाहिए। बीजेपी किसी की नही है, इसलिए हम कहते हैं कि बीजेपी के घोड़े की ढाई चाल से बचो।
अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो हवा चलने वाली है वह गठबंधन और समाजवादी के पक्ष में होगी, इंडिया गठबंधन वोटों की ऐतिहासिक जीत प्रदेश के कोने-कोने से हासिल करेगा। मेरठ में तीन बार प्रत्याशी बदलने के पीछे का तर्क देते हुए अखिलेश बोले कि हमें जीत हासिल करनी है, इसलिए बदलाव किया गया है। वहीं अखिलेश यादव ने बीजेपी के कैसरगंज से प्रत्याशी तय नहीं कर पाने पर प्रश्न उठा दिया।
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की भाषा शैली पर भी प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि देश विश्व गुरु बनना चाहता है, जबकि हकीकत यह है कि देश में 80 करोड़ लोग मुफ्त राशन पर जीवन-यापन कर रहे हैं। उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री मदद नही करते, पैसा नहीं देते तो यह विकसित भारत यात्रा कब की ठप हो चुकी होती।
उन्होंने बीजेपी की कथनी और करनी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि जिन किसानों से आय दोगुनी करने का वादा करके वोट लिए, क्या उनकी आय दोगुनी हो गई, ऐसा नहीं हुआ बल्कि उन्हीं किसानों के लिए तीन काले काले कानून लाए गए थे। किसानों ने आंदोलन करते हुए शहादत दी और काले कानून को वापस करवाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे थे कि देश में सबसे बड़े भंडारण की व्यवस्था की है, यह व्यवस्था सरकारी नहीं है, बल्कि यह प्राइवेट लोगों का भंडारण है। आप सोचो जब भंडारण ही प्राइवेट हाथों में होगा तो किसान को कौन, कैसे लाभ देगा। सरकार किसानों को गेहूं का उचित मूल्य नहीं दे पा रही है, उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत अन्य प्रदेशों के मुकाबले कम है। इसलिए राजनीति किसानों के हक, युवाओं को रोजगार दिलवाने के मुद्दों पर होनी चाहिए ना कि राजनीति में चरखा दांव दिखाकर अपनी कमी छुपाई जाए।
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर राजनीति की बात करें तो यह चुनाव संविधान बचाने के लिए हो रहा है। राजनीति नौजवानों को पक्की नौकरी मिलने के लिए हो, अग्निवीर से नौजवान संतुष्ट हों उसके लिए होनी चाहिए, लेकिन आज युवा बेरोजगार और बेबस हैं, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद और नोएडा से सबसे ज्यादा युवा सेना में जाते थे, लेकिन अग्निवीर के चलते चार साल बाद इनका भविष्य क्या होगा, इसका जवाब भाजपा और उनके नेताओं के पास है क्या? वहीं अखिलेश ने कहा कि भाजपा के घोड़े की ढाई चाल से समय रहते बच जाओ, इनका कोई भरोसा नहीं है कल तीन साल की कर सकते हैं।