A beautiful MP was elected for the first time : लोकसभा 2024 का चुनाव कई लिहाज से याद रखा जाएगा। एक तरफ जहां एग्जिट पोल पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए तो दूसरी तरफ 400 पार का दम भरने वाली भाजपा 300 के अंदर ही सिमटकर रह गई। लोकसभा का यह चुनाव इसलिए भी याद रखा जाएगा कि इस बार कई खूबसूरत महिला सांसद पहली बार चुनकर सांसद पहुंचेगी।
कुछ फिल्मों से आई हैं तो कुछ की कहानी ही फिल्मों की स्क्रिप्ट जैसी है। इनमें से एक सांसद तो ऐसी हैं, जो अपने भाई को जेल से छुडाने के लिए लंदन से भारत आई थी लेकिन राजनीति में ऐसी दिलचस्पी जागी कि अब सांसद चुनी गई हैं। इन नई सांसदों में सयानी घोष, कंगना रनौत, प्रिया सरोज, इकरा चौधरी, रचना बनर्जी और जून मलिया शामिल हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही महिला सांसदों के बारे में जो पहली बार संसद में नजर आएगीं।
दीदी की दुलारी सयानी घोष, मिमी का विकल्प
सयानी घोष : पश्चिम बंगाल की जादवपुर लोकसभा सीट से इस बार सीएम ममता बनर्जी ने एक्ट्रेस मिमी चक्रवर्ती की जगह बंगाली एक्ट्रेस सयानी घोष को मैदान में उतारा था। सयानी घोष ममता की उम्मीदों पर खरी उतरीं और उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार डॉ. अनिर्बान गांगुली को हरा दिया। सयानी की जीत का अंतर 2 लाख 58 हज़ार 201 वोटों का रहा। सयानी को इस चुनाव में जहां 7 लाख 17 हज़ार 899 वोट मिले, वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के अनिर्बान गांगुली 4 लाख 59 हजार 698 वोट ही हासिल कर पाए। यहां से सीपीआई(एम) के सृजन भट्टाचार्य भी चुनावी मैदान में थे, मगर वो 2 लाख 58 हज़ार 712 वोट से आगे नहीं बढ़ पाए। एक्टिंग के साथ सयानी फिल्मों में पार्श्व गायन का भी काम करती थीं।
कांग्रेसी राज्य में जीत कर बनीं सांसद
कंगना रनौत : अभिनेत्री कंगना रनौत पहली बार में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से चुनाव लड़ा और विजयी बनीं। वहीं, अब कंगना सांसद बनने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंच रही हैं। कंगना अपने फायर ब्रांड इमेज के चलते सुर्खियों में रहती हैं। वे बॉलीवुड की बेहद खूबसूरत अभिनेत्रियों में से हैं। हिमाचल में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद भाजपा ने सभी चार सीटों पर जीत हासिल की और 4-0 कांग्रेस का सफाया कर दिया। मंडी से कंगना रनौत ने विक्रमादित्य सिंह को हराया।
पिता की राजनीतिक वारिस बन गई प्रिया
प्रिया सरोज : मछलीशहर से सपा की ओर से प्रिया सरोज पहले ही प्रयास में संसद पहुंचीं हैं। प्रिया सरोज ने बीपी सरोज को 35 हजार 850 वोटों से मात दी है। इस तरह मछलीशहर की नई सांसद प्रिया सरोज अपने पिता की राजनीतिक वारिस बन गई हैं। प्रिया सरोज ने नोएडा की एक यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है। दिल्ली यूनिवसिर्टी से वह ग्रेजुएशन कर चुकी हैं। उनके पिता तूफज्ञनी सरोज 1999 से 2014 तक मछलीशहर और सैदपुर सीट से सांसद रहे हैं। 2014 में मोदी लहर में वह हार गए थे। बता दें कि प्रिया सरोज सबसे कम उम्र 25 साल में सांसद बनने की वजह से भी चर्चा में है।
भाई को जेल छुड़ाने आई और सांसद बन गईं
इकरा चौधरी : इकरा हसन पिछले नौ वर्ष से कैराना क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं। वह पूर्व सांसद तबस्सुम हसन की बेटी हैं और नाहिद हसन उनके बड़े भाई हैं। इकरा हसन ने लंदन की यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा हासिल की है। कैराना लोकसभा सीट पर आए चुनाव परिणाम ने हर किसी को चौंका दिया है। यहां इकरा हसन ने भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी को कड़ी टक्कर दी और जीत हासिल की है। इकरा हसन अपने भाई को जेल से छुड़ाने के लिए लंदन से आई थीं, लेकिन यहां राजनीति में उनकी दिलचस्पी इस कदर पैदा हुई कि वे दो वर्ष में ही सांसद बन गईं।
जिसने लॉकेट चटर्जी को हराया
रचना बनर्जी : पश्चिम बंगाल की हुगली लोकसभा सीट पर इस बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिला. इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस की रचना बनर्जी ने 76 हजार 853 वोटों से बीजेपी की लॉकेट चटर्जी को हराया है। रचना बनर्जी को 7 लाख 2 हजार 744 पड़े। लॉकेट चटर्जी के खाते में 6 लाख 25 हजार 891 वोट आए। 1 लाख 39 हजार 919 वोटों के साथ सीपीआई (एम) के मंदीप घोष तीसरे नंबर पर रहे। रचना बनर्जी तमिल, तेलुगु, बंगाली और उड़िया फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। वह साल 1994 में मिस कोलकाता रह चुकी हैं। कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक मेगा रैली के दौरान टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। टीएमसी उम्मीदवार रचना बनर्जी बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म सूर्यवंशम में काम कर चुकी हैं. साल 1999 में आई फिल्म सूर्यवंशम में रचना बनर्जी ने गौरी का किरदार निभाया था
बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल को दी शिकस्त
जून मलिया : पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर लोकसभा सीट पर जून मालिया को 27 हजार 191 वोटों से जीत मिली है। वो ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की तरफ से चुनावी मैदान में थीं। उन्होंने बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल को शिकस्त दी है। जहां एक तरफ जून मलिया को 7 लाख 2 हजार 192 वोट पड़े तो वहीं दूसरी तरफ अग्निमित्रा 6 लाख 75 हजार 1 वोट मिले। भाकपा के प्रत्याशी बिप्लब भट्टा को सिर्फ 57 हजार 785 वोट ही मिले। साल 2019 में इस सीट पर 84.24 फीसदी वोटिंग के साथ रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था। उस समय बीजेपी के उम्मीदवार दिलीप घोष 6 लाख 85 हजार वोट पाकर करीब 88 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए थे। वहीं टीएमसी के मानस भुनिया 5 लाख 96 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। जून मलिया पहली बार संसद पहुंचेगी।
Edited by Navin Rangiyal