लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस में भगदड़, जीतू पटवारी के नेतृत्व पर उठे सवाल
कुछ तो बात होगी कि हम बेवफा हो गए: सुरेश पचौरी
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले जीतू पटवारी तीन महीने बाद भी अपनी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए है तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी को छोड़कर जा रहे है। जीतू पटवारी के प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के बाद अब तक सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस नेता और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके है। वहीं लाख कोशिशों के बाद भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान नहीं कर पा रही है।
शनिवार को कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी, धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, इंदौर के पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल, अर्जुन पलिया, कांग्रेस के जबलपुर लोकसभा उम्मीदवार रहे आलोक चंसोरिया, भोपाल कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, एनएसयूआई के पूर्व उपाध्यक्ष सतपाल पलिया, पूर्व महासचिव एमपीसीसी योगेश शर्मा, एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष अतुल शर्मा, गाडरवाड़ा के जनपद सदस्यत दिनेश ढिमोले, कांग्रेस के कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष यादव एवं सीहोर के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जसपाल अरोरा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा में शामिल होने के बाद दिग्गज नेता सुरेश पचौरी ने कहा कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण कांग्रेस ने जब ठुकराकर अनादर किया, उससे मुझे आघात पहुंचा और मैं आज भाजपा में शामिल हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का निर्माण कराया इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। मैं भगवान राम का अनादर करने वालों के साथ नहीं चल सकता था क्योंकि मैं सनातनी हूं।
सुरेश पचौरी ने कांग्रेस के नेताओं का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा कि उधर राख पर न शोले हैं न अंगारे..कुछ तो बात होगी हम बेबफा हो गए। पचौरी ने कहा कि कांग्रेस में नारा दिया गया था कि जात पर न पात पर मोहर लगेगी हाथ पर,लेकिन अब जातिगत जनगणना की बात की जा रही है। इससे जातीय संघर्ष बढ़ रहा है। वहीं पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के साथ हमेशा छल करने का काम किया है।
इंदौर में कांग्रेस को बड़ा नुकसान-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जिस इंदौर से आते है वहां से तीन पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल औऱ अर्जुन पलिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए है। ऐसे में अब सीधे पटवारी के नेतृत्व और कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है। संजय शुक्ला का इंदौर की राजनीति और विशाल पटेल का देपालपुर की राजनीति में खासा असर है और दोनों की गिनती जमीन नेताओं के तौर पर होती है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सुरेश पचौरी को कांग्रेस ने सार्वाधिक दिया। भगवान उनका भला करें, भार उतरा। पटवारी ने आगे कहा कि नेता चले जाते हैं, लेकिन वोट नहीं जाते है। कार्यकर्ता नहीं जाते हैं। पटवारी ने पचौरी को शुभकामना देते हुए कहा कि भगवान करें वो भीड़ का हिस्सा न बने। पटवारी ने कहा कि हम चार बार चुनाव हारे हैं। इस डर से लोग निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ नेता है, उनको समझाने की जरूरत नहीं है।
अमित शाह के फॉर्मूले पर बढ़ती भाजपा- लोकसभा चुनाव में पहले भाजपा मध्यप्रदेश कांग्रेस में बड़ी सेंध लगाने के पीछे कई कारण है। भाजपा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर कांग्रेस विहीन बूथ बनाने की कार्ययोजना पर काम कर ही है। पिछले दिनों ग्वालियर में लोकसभा चुनाव को लेकर कल्स्टर की बैठक को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश संगठन को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस विहीन बूथ बनाने के फॉर्मले पर काम करने के निर्देश दिए। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिए कि कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कराए। इसके साथ ही उन्हों पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं को समझाइश देते हुए कहा कि दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी में लाने से किसी भी प्रकार के डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव सिर्फ जीतने के लिए नहीं लड़ना बल्कि भाजपा को प्रदेश में अजेय पार्टी बनाने के लक्ष्य के साथ काम करना है।