सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस ने बनाई दूरी, PM मोदी पर साधा निशाना
कहा, नफरत से भरे चुनाव अभियान से ध्यान भटकाने का प्रयास हो रहा
Sam Pitroda's statement : कांग्रेस (Congress) पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अमेरिका के 'विरासत कर' संबंधी सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के बयान से दूरी बनाते हुए नई दिल्ली में बुधवार को कहा कि उनकी बातों को सनसनीखेज बनाकर पेश किया जा रहा है ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के 'दुर्भावनापूर्ण और नफरत से भरे' चुनाव अभियान से ध्यान भटकाया जा सके।
यह कहा जयराम रमेश ने : पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि सैम पित्रोदा मेरे सहित दुनियाभर में कई लोगों के लिए गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के समान रहे हैं। उन्होंने भारत के विकास में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
पित्रोदाजी खुलकर अपनी बात रखते हैं : उन्होंने यह भी कहा कि पित्रोदाजी उन मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं जिनके बारे में वह बोलना जरूरी समझते हैं। लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपनी बात रखने, चर्चा करने और व्यक्तिगत विचारों को लेकर बहस करने के लिए निश्चित रूप से स्वतंत्र भी होता है। रमेश के मुताबिक इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदाजी के विचार हमेशा कांग्रेस के रुख को दर्शाते हैं।
नफरत से भरे चुनाव अभियान से ध्यान भटकाने का प्रयास : उन्होंने कहा कि कई बार उनके विचार अलग होते हैं। अब उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाकर दूसरे संदर्भ में पेश किया जा रहा है। ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दुर्भावना और नफरत से भरे चुनाव अभियान से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर किया जा रहा है, जो सिर्फ और सिर्फ झूठ पर आधारित है।
'इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अमेरिका के 'विरासत कर' वाली व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा है कि अमेरिका में विरासत कर लगता है। अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसमें से केवल 45 फीसदी उसके बच्चों को मिल सकता है, शेष 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार के पास चली जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में ऐसा कानून नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। लोगों को इस तरह के मुद्दों पर चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हैं, न कि केवल अति-अमीरों के हित में हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta