Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दिग्विजय ने 400 पार के नारे पर उठाए सवाल, भाजपा पर लगाया संविधान बदलने का आरोप

हमें फॉलो करें Digvijay Singh

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

लखनऊ , शनिवार, 18 मई 2024 (20:41 IST)
Digvijay Singh raised questions on the slogan of crossing 400 : कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर लोकसभा चुनाव में 400 सीटें मिलने पर संविधान बदलने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि जिस प्रकार से भाजपा के कई सांसद और नेताओं ने संविधान को बदलने की जो मंशा जताई है, वह अपने आप में संकेत देती है कि आखिर में 400 पार की आवश्कता क्यों पड़ी?
आखिर में 400 पार की आवश्कता क्यों पड़ी : यहां उप्र कांग्रेस के राज्‍य मुख्‍यालय पर संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, भारतीय संविधान या लोकतंत्र पर कहीं कोई शंका नहीं थी कि इसके स्वरूप को भी परिवर्तित किया जा सकता है, लेकिन जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और स्वयं प्रधानमंत्री जी 400 पार की घोषणा कर रहे हैं और जिस प्रकार से भाजपा के कई सांसद व नेताओं ने संविधान को बदलने की मंशा जताई है, वह अपने आप में संकेत देती है कि आखिर में 400 पार की आवश्कता क्यों पड़ी?
उन्होंने कहा, भाजपा का देश में नया भारतीय संविधान लाने का कुटिल प्रयास है, क्योंकि सन् 1950 से आरएसएस (राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ) ने भारतीय संविधान को पूर्ण स्वीकार नहीं किया है और आज भी स्वयं मोहन भागवत का बयान देखेंगे तो उन्होंने आरक्षण के मामले पर कई बार प्रश्न चिन्ह लगाया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक तरफ गांधी, नेहरू और लोहिया की विचारधारा है जो मूल रूप से किसान मजदूर छोटा एवं मध्यम व्यापारी, छोटा, मध्यम वर्गीय उद्योग के लिए रही है और उसी के आधार पर जमींदारी उन्मूलन अधिनियम समेत अनेक कानून बने हैं।
 
जनहित विरोधी कार्य कर रही सरकार : उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ किसान विरोधी सरकार है जो हमेशा जनहित विरोधी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल को कमजोर करने का 2014 में पहला संशोधन नरेन्द्र मोदी जी लाए, जिसने भूमि अधिग्रहण बिल को कमजोर कर दिया और राज्यों को अधिकार दे दिया।
कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मेहनतकश किसान जो खेत जोतता था उसे मालिकाना हक दिया गया और यही एक कारण था कि इस देश में खूनी क्रांति नहीं हुई। देश में छोटे-बड़े उद्योग स्थापित किए और समय के साथ अलग-अलग योजनाएं लाए, शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर तरह से देश के विकास में योगदान दिया।
 
मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का विरोध : सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जी ने मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का विरोध कर मजदूरों के हितों की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि मनरेगा की वजह से ही पूर्वांचल और बुंदेलखंड से पलायन को रोका गया था, परन्तु सरकार आज उनकी भी मजदूरी नहीं दे पा रही है। हमारा वादा है कि हम सरकार में आते ही मनरेगा की मजदूरी प्रतिदिन 400 रुपए देंगे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमेठी में इस बार आसान नहीं है केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह