कुंभानी ने कहा कि कांग्रेस नेता मुझ पर विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, यह कांग्रेस ही थी जिसने 2017 के विधानसभा चुनावों में मुझे सबसे पहले धोखा दिया। कांग्रेस ने 2017 में सूरत की कामरेज विधानसभा सीट से मेरा टिकट आखिरी समय में रद्द कर दिया था। पहली गलती कांग्रेस ने की थी, मैंने नहीं।
उन्होंने कहा कि वो भाजपा में शामिल नहीं होंगे और अपना सोशल वर्क जारी रखेंगे। कांग्रेस ने इस सीट पर चुनाव प्रक्रिया रद्द करने की मांग करते हुए नीलेश को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था।
नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज होने के बाद 9 निर्दलीयों चुनाव मैदान में थे। देखते ही देखते सभी ने अपने नाम वापस ले लिए। इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल को निर्विरोध सांसद चुन लिया गया।
Edited by : Nrapendra Gupta
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