congress questions PM Modi : कांग्रेस ने बिहार के जमुई में होने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा से पहले कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि वह बिहार में महागठबंधन सरकार द्वारा कराए गए जाति आधारित सर्वेक्षण के बारे में क्या सोचते हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री आज बिहार के जमुई में हैं। वह अपने दुष्प्रचार से भरे भाषण में तो इनका ज़िक्र नहीं करेंगे, लेकिन कुछ मुद्दे हैं जिन पर बिहार के लोग चाहेंगे कि प्रधानमंत्री बात करें।'
उन्होंने कहा कि बिहार 2006 में कृषि उपज बाजार समिति (APMC) अधिनियम को समाप्त करने वाला पहला राज्य था, लेकिन यह फैसला विफल साबित हुआ। इस निर्णय की विफलता के बावजूद, मोदी सरकार ने पहले तीन काले कृषि कानूनों के माध्यम से देश भर में एपीएमसी को खत्म करने का प्रयास किया, और अब वे किसानों को एमएसपी की गारंटी से वंचित कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि एपीएमसी मॉडल को हटा देने से बिहार के किसानों को क्या लाभ हुआ है और वह इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की कोशिश क्यों कर रहे थे?
उन्होंने यह दावा भी किया कि बिहार देश भर में सबसे अधिक बेरोजगारी और पलायन के लिए जाना जाता है। बिहार के युवाओं को हताशा, निराशा और बेरोजगारी से बचाने के लिए भाजपा के पास क्या योजना है?
रमेश ने आरोप लगाया कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना बिहार में लड़खड़ा रही है। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या ये स्थितियां इस बात का संकेत देती हैं कि 'मोदी की गारंटी' वास्तव में कैसी दिखती है?
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस और राजद के अनुरोध पर नीतीश कुमार की सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए, तो प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर देश को जाति के नाम पर विभाजित करने का आरोप लगाया। अब प्रधानमंत्री जाति आधारित सर्वेक्षण के बारे में क्या सोचते हैं?
Edited by : Nrapendra Gupta