Rajasthan: अतीत को भूलकर अशोक गहलोत के पुत्र का चुनाव प्रचार करेंगे सचिन पायलट
वैभव गहलोत के लिए चुनाव प्रचार करेंगे
Sachin Pilot will take election charge for Vaibhav Gehlot: कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ अपने मतभेदों की पृष्ठभूमि में कहा है कि अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना पार्टी के हित में था। उन्होंने यह भी कहा कि वह गहलोत के पुत्र और जालौर लोकसभा सीट (Lok Sabha) से पार्टी के उम्मीदवार वैभव गहलोत के लिए शत-प्रतिशत प्रचार करेंगे।
लोकसभा चुनाव का इतिहास दोहराए जाने की संभावना : देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी पीटीआई के मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में पायलट ने कहा कि वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव का इतिहास 2024 में भी दोहराए जाने की संभावना नजर आती है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए अधिकतर लोगों के बीच नाराजगी देखते हुए 2004 की पुनरावृत्ति बहुत संभव है। आप मीडिया में जो नहीं देखते हैं, वह जमीन पर वास्तविक भावना है। (भाजपा की) जुमलों और अति आत्मविश्वास की इस राजनीति की अपनी सीमाएं हैं।
निकम्मा-नकारा जैसे हमलों को भुलाकर कैसे आगे बढ़े? : पायलट से पूछा गया कि वह 2020 में गहलोत के साथ हुए अपने मतभेदों और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री के निकम्मा-नकारा जैसे हमलों को भुलाकर कैसे आगे बढ़े? इस पर उन्होंने कहा कि मुझे एक ही तरीके से जवाब देने में कोई फायदा नहीं दिखा। मैंने उकसावे में आने से इनकार कर दिया, मैंने नाम लेकर आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय गरिमा और विनम्रता को चुना। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मैंने बड़ा दिल दिखाने और आगे बढ़ने का फैसला किया।
मैंने कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जो अपमानजनक हो : राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टी के लिए बेहतर था, मेरे राज्य के लिए बेहतर था और निश्चित रूप से मेरे लिए भी बेहतर था, क्योंकि मैं अब पीछे मुड़कर देख सकता हूं और गर्व के साथ कह सकता हूं, मैंने कभी भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, जो सार्वजनिक जीवन के एक व्यक्ति के लिए अशोभनीय हों। मैंने कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जो अपमानजनक हो क्योंकि बचपन से ही मुझे ये मूल्य सिखाए गए कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, बड़ों का सम्मान करना चाहिए और मैंने इसे हमेशा बनाए रखा है।
माफ करो और भूल जाओ : माफ करो और भूल जाओ के मंत्र पर जोर देते हुए पायलट ने पिछले साल दिल्ली में हुई बैठक को याद किया जब वह पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठे थे और इस दौरान उन्हें आगे बढ़ने के लिए कहा गया था। पायलट ने कहा कि मुझसे माफ करने, भूलने और आगे बढ़ने के लिए कहा गया था। मैंने बिल्कुल वैसा ही किया, यही पार्टी और राज्य के लिए समय की मांग थी।
वह और अशोक गहलोत चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे? : यह पूछे जाने पर कि वह और अशोक गहलोत चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं, पायलट ने कहा कि वह निर्णय और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को मैदान में नहीं उतारने का निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) द्वारा चुनाव में सभी की भूमिका को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
उम्मीदवार चयन पर अंतिम निर्णय सीईसी का : उन्होंने कहा कि उम्मीदवार चयन पर अंतिम निर्णय सीईसी का होता है। पार्टी ने यह निर्णय लिया। मुझे छत्तीसगढ़ राज्य की जिम्मेदारी मिली है और अशोकजी के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं। नेतृत्व विभिन्न नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां देता है। उनका कहना था कि सबसे अच्छे उम्मीदवार, जो जीत सकते हैं उन्हें राजस्थान और छत्तीसगढ़ में खड़ा किया गया है।
पायलट के अनुसार पार्टी तय करती है कि लोगों को क्या भूमिका निभानी है। एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) ने फैसला किया कि ये सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा मैं (राजस्थान में) अपने सभी उम्मीदवारों के लिए जिम्मेदार हूं। मीडिया में कभी-कभी ऐसा लगता है कि वह इस गुट या उस गुट का है, ऐसा बिल्कुल नहीं है। हर कांग्रेस उम्मीदवार हमारा उम्मीदवार होता है, हमें उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए समर्पित तरीके से काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव या उससे पहले के चुनावों में अपना खाता नहीं खोला था इसलिए पार्टी के सामने चुनौती बनी हुई है। पायलट ने कहा कि उन्हें जो फीडबैक मिला है वह यह है कि कांग्रेस इस बार राजस्थान में बहुत अच्छा करेगी, क्योंकि लोग तंग आ चुके हैं और बदलाव चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग इन दिनों खुलकर अपनी राय नहीं रखते लेकिन मतदान के दिन वे कांग्रेस को वोट देंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अशोक गहलोत के पुत्र वैभव के लिए प्रचार करेंगे, पायलट ने कहा कि मैं (वैभव गहलोत के लिए प्रचार करने के वास्ते) 100 प्रतिशत जाऊंगा।
उनका कहना था कि पिछली बार (2019 के चुनावों में) जब मैं राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष था, मैंने दिल्ली से उनके (वैभव गहलोत) टिकट के लिए प्रयास किया था, मैं उनके नामांकन के लिए गया था। वह उस बार चुनाव नहीं जीत सके लेकिन मैंने उनके लिए प्रचार किया था पायलट ने कहा कि इस बार वह दूसरी सीट जालोर से लड़ रहे हैं, मैं इस बार भी निश्चित रूप से उनके लिए प्रचार करूंगा।
नौकरियों की कमी और कृषि संकट चुनाव में प्रमुख मुद्दे : कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि नौकरियों की कमी और कृषि संकट चुनाव में प्रमुख मुद्दे होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अजेय होने संबंधी दावे के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने 2004 के लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई भी अजेय नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2004 में अटल बिहारी वाजपेयीजी ने इंडिया शाइनिंग (भारत उदय) का अभियान चलाया था। उस समय हमने प्रधानमंत्री पद के चेहरे आदि की घोषणा नहीं की थी। हमने इस बार भी ऐसा नहीं किया, क्योंकि विचार यह है कि लोगों के सामने 2 विकल्प हों- इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) या राजग। इंडिया गठबंधन ने फैसला किया है कि हम चुनाव में जनादेश हासिल करने के बाद तय करेंगे कि किसे कौन सा पद मिलेगा।
पायलट ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में कुछ भी हो सकता है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इस चुनाव में इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलेगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta