अब दिल्ली जा रहा हूं, धूमधाम से जा रहा हूं। ये भी सुन लेना खाली पीली सांसद नहीं, पिक्चर अभी बाकी है। बहुत काम करना है अभी।– शिवराज सिंह चौहान (ग्वालियर)
अब मामा दिल्ली जाएंगे और दिल्ली भी खाली पीली नहीं जाएंगे।– शिवराज सिंह चौहान (विदिशा)
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विदिशा से चुनाव लड़ रहे शिवराज सिंह चौहान के यह दो बयान उनकी आगे की सियासत का खूब इशारा करते है। लोकसभा चुनाव परिणाम भले ही 4 जून को आएंगे लेकिन भाजपा के कुछ ऐसे नेता इस बार चुनावी मैदान में है, जिनकी सियासत की आगे की राह लोकसभा चुनाव के बाद तय होने जा रही है, उनमें एक नाम मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है।
शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व मे पिछले साल के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद भी जब शिवराज को प्रदेश की कमान नहीं सौंपी गई तो यह मान लिया गया था कि अब शिवराज सिंह चौहान केंद्र की राजनीति में दिखाई देंगे। भाजपा आलाकमान ने शिवराज सिंह चौहान को विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारकर इस पर मोहर भी लगा दी है।
ऐसे में अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि शिवराज सिंह चौहान की केंद्र में क्या भूमिका है। अगर केंद्र में मोदी 3.0 सरकार बनती है तो क्या शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री बनेंगे। वहीं दूसरी अटकलें इस बात की भी है क्या शिवराज सिंह चौहान भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में बड़ी भूमिका में नजर आएंगे। दरअसल जून में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो रहा है और चुनाव के बाद भाजपा को नया अध्यक्ष मिलना है।
ऐसे में भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के दावेदारों में शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे है। शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे चुके है और मध्यप्रदेश में 18 साल के मुख्यमंत्री रह चुके है, वह एक भाजपा की अंदरुनी राजनीति में एक सर्वमान्य नेता है।
खुद शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी की अपनी भूमिका पर कहते है कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय पुर्ननिर्माण का आंदोलन हैं और मैं इस आंदोलन का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। हम लोग अपने लिए नहीं पार्टी के लिए काम करते हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि पार्टी ने मुझे इतना नाम, सम्मान दिया। इस जन्म में तो क्या, अगले जन्म में भी भाजपा की सेवा करूंगा और भाजपा के जरिए जनता की सेवा करता रहूंगा। मैं चाहे भोपाल रहूं या फिर कहीं और।
वहीं अगर मोदी सरकार सत्ता में वापस करती है तो क्या शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री बनेंगे, यह सवाल भी सियासी गलियारों में चर्चा के केंद्र में है। शिवराज सिंह चौहान जो 18 साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और उनका एक लंबा प्रशासनिक अनुभव है। अगर केंद्र में मोदी 3.0 सरकार बनती है तो मध्यप्रदेश से 4 से 5 बार सांसद मोदी मंत्रिमंडल में नजर आएंगे। इसमें शिवराज सिंह चौहान सबसे सीनियर नेता होंगे और उनको भारी भरकम मिलना तय है। शिवराज सिंह चौहान जिस तरह से अपनी चुनावी सभाओं में लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य को साकार करने की बात कहते नजर आए उनसे उनके विजन को आसानी से समझा जा सकता है।
खुद शिवराज सिंह चौहान अपनी भविष्य की राजनीति के बारे में कहते हैं कि वह भाजपा के कार्यकर्ता और वह शानदार वोट से जीतकर सांसद बनने जा रहे है। शिवराज कहते हैं कि एक कार्यकर्ता की भूमिका उनकी हमेशा रहेगी।