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इंदौर लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम के मैदान छोड़ने पर क्या कहते हैं इंदौरी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 30 अप्रैल 2024 (19:45 IST)
Indore Lok Sabha seat: इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम ने नामांकन वापस लेकर कांग्रेस को संकट में डाल दिया है। हालांकि इंदौर सीट पर भाजपा की जीत पहले से तय मानी जा रही थी, लेकिन नाम वापसी के बाद तो चुनाव पूरी तरह नीरस हो गया है। इंदौरी वोटर्स का मानना है कि इससे वोट प्रतिशत तो कम होगा ही, पार्टी और उम्मीदवार के प्रति लोगों का विश्वास भी कम होगा। अब लोगों के पास क्या विकल्प है? क्या वे वोट डालने जाएंगे? क्या इस बार इंदौर में नोटा का रिकॉर्ड बनेगा? आइए जानते हैं कि बम की नाम वापसी पर क्या सोचते हैं इंदौरी... 
 
वेबदुनिया के साथ तल्ख स्वरों में बात करते हुए अनिमेष ने कहा कि अक्षय बम की हरकत से लोकतंत्र का मजाक बन गया है। अब मतदाता क्या सोचकर वोट डालने जाएगा, घर में बैठकर छुट्‍टी ही मनाएगा या फिर कहीं घूमने निकल जाएगा। बस, हो गया लोकतंत्र का महापर्व। मैं तो कहता हूं कि लोगों को बड़ी संख्या में वोट डालने निकलना चाहिए और NOTA पर बटन दबाना चाहिए ताकि इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंचे।  
मतदान को लेकर उदासीनता : संदीप माहेश्वरी कहते हैं कि अक्षय के नाम वापस लेने से जनता में यही संदेश जाएगा कि राजनीति अब जनसेवा के लिए न होकर सत्ता के लिए हो गई है। इस बारे में पार्टी को भी सोचना पड़ेगा कि वह किसे अपना उम्मीदवार बना रही है। वह कितनी जनता की सेवा करेगा। इससे पार्टी के कोर वोटर्स में भी गलत संदेश जाएगा। मतदान को लेकर भी लोग और उदासीन हो जाएंगे। ALSO READ: Akshay Bam withdraws nomination : इंदौर में अक्षय बम का धमाका, कांग्रेस की बिगड़ी सूरत, मतदाता हैरान
 
एक अन्य व्यक्ति ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अब चुनाव में कुछ करने के लिए रह ही क्या गया है। भाजपा प्रत्याशी को सीधे-सीधे वॉकओवर मिल गया है। यह कांग्रेस प्रत्याशी की गलती है। यदि उसे चुनाव नहीं लड़ना था तो टिकट के लिए प्रयास ही नहीं करना चाहिए था। उन्हें मैदान नहीं छोड़ना था। यह अच्छी नीति नहीं है। वोट प्रतिशत पर भी इसका असर होगा। सभी लोगों को लगेगा कि भाजपा सीधे-सीधे जीत रही है। ऐसे में वोट डालने जाने से कोई मतलब नहीं है। जब कोई लड़ने के लिए तैयार ही नहीं है तो वोट किसे देंगे। ALSO READ: मप्र के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के दांव से इंदौर में कांग्रेस चारों खाने चित
 
लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं  : राखी कहती हैं कि निश्चित ही नाम वापसी का असर वोटिंग प्रतिशत पर नजर आएगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कांग्रेस उम्मीदवार ने किसी डर के चलते नाम वापस लिया हो। यह अच्छी स्थिति नहीं है। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं। जब मतदाता को लगेगा कि अपना कैंडीडेट तो है ही नहीं तो वह वोट डालने नहीं जाएगा। सूरत और इंदौर में हुई घटना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
 
सौरभ पटेल कहते हैं कि अक्षय बम की नाम वापसी के बाद कांग्रेस के वोटर तो बाहर ही नहीं आएगा। निश्चित ही इसका वोटिंग प्रतिशत पर असर पड़ेगा। कांग्रेस उम्मीदवार को हिम्मत रखकर चुनाव तो लड़ना चाहिए था। यश मुकुंद जगताप ने कहा कि अक्षय के नाम वापस लेने से अब वोट भाजपा को ही मिलेंगे। ऐसा होना भी चाहिए। भाजपा उम्मीदवार को ही जीतना चाहिए। हो सकता है कि कांग्रेस उम्मीदवार वोट ही नहीं डालें। 
  
वोटिंग पर असर पड़ेगा : गोपाल कृष्ण कहते हैं कि अक्षय की नाम वापसी से वोटिंग पर असर पड़ेगा। अब माहौल भाजपा के पक्ष में एकतरफा हो गया है। हालांकि पब्लिक में उत्साह नहीं है। महंगाई से भी नाराजगी है। मुफ्त राशन देकर सरकार ने लोगों को आलसी बना दिया है। वोट तो हमको देना चाहिए। यह नियम भी बनना चाहिए कि जो वोट नहीं डालेगा उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। 
 
युवा मतदाता अभिषेक श्याम जोशी कहते हैं कि अक्षय बम कांग्रेस के अच्छे नेता थे, लेकिन उन्होंने ऐन मौके पर नाम वापस ले लिया, जो कि सही नहीं है। अक्षय के फैसले से निर्दलीय उम्मीदवारों के वोट बढ़ सकते हैं। हालांकि जागरूक मतदाता भाजपा के पक्ष में वोट करेंगे। विधानसभा चुनाव में भाजपा सभी 9 सीटें जीत चुकी है। कांग्रेस तब एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। ALSO READ: चाणक्य नीति अपनाकर कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम की नाम वापसी की लिखी पटकथा
 
इंदौर में अक्षय बम की नाम वापसी से निश्चित ही मतदाता पर नकारात्मक असर पड़ेगा। पहले से ही उदासीन मतदाता वोटिंग करने जाएगा ही नहीं। चुनाव आयोग मतदान बढ़ाने की कवायद में लगातार लगा हुआ है, इस तरह की घटनाओं से मतदान का प्रतिशत और कम हो जाएगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 


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