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नवसंवत्सर 2082 में होंगे 4 ग्रहण, जानिए कौन सा ग्रहण कब होगा!

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पं. हेमन्त रिछारिया

, शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (14:50 IST)
Eclipse 2025 : हिन्दू परंपरा में ग्रहण का महत्वपूर्ण स्थान है। जैसा आप सभी को विदित है ग्रहण दो प्रकार के होते हैं- सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण। सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण भी मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं- खग्रास और खंडग्रास। जब ग्रहण पूर्णरूपेण दृश्यमान होता है तो उसे 'खग्रास' एवं जब ग्रहण कुछ मात्रा में दृश्यमान होता है तब उसे 'खंडग्रास' कहा जाता है, किन्तु जब ग्रहण बिल्कुल भी दृश्यमान नहीं होता तो उसे 'मान्द्य चंद्रग्रहण' कहा जाता है।ALSO READ: चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से, कैसे करें देवी आराधना, जानें घट स्थापना के मुहूर्त
 
खग्रास व खंडग्रास ग्रहण का समस्त द्वादश राशियों पर व्यापक प्रभाव माना जाता है किन्तु 'मान्द्य' ग्रहण का जनमानस पर कोई व्यापक प्रभाव नहीं होता इसलिए श्रद्धालुओं पर 'मान्द्य ग्रहण' के यम-नियम आदि प्रभावी नहीं होते।

सिद्धार्थ नामक नवसंवत्सर 2082 में पंचांग अनुसार चार ग्रहण होंगे। इसमें दो सूर्यग्रहण होंगे एवं दो चंद्रग्रहण होंगे। दोनों चंद्रग्रहण भारत में दृश्यमान होंगे इसलिए उनसे संबंधित समस्त यम, नियम, सूतक, दान, पुण्य, जप, अनुष्ठान सम्पूर्ण भारतवर्ष में मान्य होंगे। वहीं दोनों सूर्यग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होंगे, इसलिए उनसे संबंधित यम, नियम, सूतक, आदि सम्पूर्ण भारतवर्ष में मान्य नहीं होंगे।ALSO READ: गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल
 
चंद्रग्रहण- 
 
1. दिनांक 07 सितंबर 2025- नवसंवत्सर का प्रथम चंद्रग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण होगा जो दिनांक 07 सितंबर 2025, दिन रविवार, संवत 2082 की भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होगा। यह खग्रास चंद्रग्रहण भारतवर्ष में दृश्य होने से इससे संबंधित समस्त यम, नियम, सूतक, दान, पुण्य, जप, अनुष्ठान सम्पूर्ण भारतवर्ष में मान्य होंगे।
 
2. दिनांक 03 मार्च 2026- संवत 2082 को दितीय चंद्रग्रहण खग्रास/ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण होगा जो दिनांक 03 मार्च 2026, दिन मंगलवार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होगा। यह खग्रास/ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण भी भारतवर्ष में दृश्य होने से इससे संबंधित समस्त यम, नियम, सूतक, दान, पुण्य, जप, अनुष्ठान सम्पूर्ण भारतवर्ष में मान्य होंगे।
 
सूर्यग्रहण-
 
1. दिनांक 21 सितंबर 2025- नवसंवत्सर का प्रथम सूर्यग्रहण खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा जो दिनांक 21 सितंबर 2025, दिन रविवार, संवत 2082 की आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होगा। यह खग्रास सूर्यग्रहण भारतवर्ष में दृश्य नहीं होने से इससे संबंधित समस्त यम, नियम, सूतक, आदि भारतवर्ष में मान्य नहीं होंगे।
 
2. दिनांक 17 फरवरी 2026- विक्रम संवत 2082 का द्वितीय सूर्यग्रहण कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा जो दिनांक 17 फरवरी 2026, दिन मंगलवार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होगा। यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण भी भारतवर्ष में दृश्य नहीं होने से इससे संबंधित समस्त यम, नियम, सूतक, आदि भारतवर्ष में मान्य नहीं होंगे।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

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