Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भाजपा-कांग्रेस में टिकट वितरण से क्यों फंसा पेंच, क्या मुश्किल हो रहा है मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023?

हमें फॉलो करें भाजपा-कांग्रेस में टिकट वितरण से क्यों फंसा पेंच, क्या मुश्किल हो रहा है मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023?
webdunia

विकास सिंह

, सोमवार, 23 अक्टूबर 2023 (11:10 IST)
भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार टिकट वितरण को लेकर भाजपा और कांग्रेस फंस गई है। विधानसभा चुनावों के लिए टिकटों का एलान करते ही दोनों ही दल बगावत से जूझ रहे है। बड़े नेताओं के पुतले फूंके जा रहे है, अपने नेताओं की तस्वीरों पर कार्यकर्ता कालिख पोत रहे है, नेताओं का घेराव करने के साथ मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे है और नेता धड़ाधड़ इस्तीफा देकर दूसरी पार्टियों का दामन थामकर चुनावी मैदान में उतर रहे है। 

इस बार विधानसभा चुनावों में टिकटों को लेकर कितनी मारामारी मची है इसको इसके समझा जा सकता है कि टिकटों के एलान के बाद कांग्रेस आधा सैंकड़ा सीटों पर और सत्तारूढ़ दल भाजपा को 28 सीटों पर विरोध और बागवत का सामना करना पड़ा रहा है। 

बगावत से जूझती भाजपा-बगावत और विरोध की आंधी ग्वालियर-चंबल से लेकर मालवा-निमाड़ और महाकौशल तक चल रही है। महाकौशल के मुख्यमंत्री केंद्र जबलपुर की उतर विधानसभा सीटे से भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे को टिकट देने के विरोध में गुस्साएं कार्यकर्ताओं ने प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव से झूमाझटकी की और सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई की। वहीं केंद्रीय मंत्री के सुरक्षा गार्ड से मारपीट के मामले में पार्टी के 4 कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR करने के साथ उनको गिरफ्तार कर लिया गया है।  पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह के मुताबिक वीडिओ फुटेज के आधार पर चार भाजपा कार्यकर्ताओ पर सुरक्षा गार्ड की रिपोर्ट पर मामला दर्ज दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया की शासकीय कार्य में बाधा और सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट के बाद मामला दर्ज कर इनकी गिरफ्तारी की गई है। जिन कार्यकर्ताओ पर कार्यवाही की है उनमे राघव जायसवाल, गौरव गोस्वामी, तरुण शुक्ल और बबलू जायस्वाल शामिल है।
webdunia

वहीं भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले राजधानी भोपाल में भी इस बार ब़ड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सभा सीट से पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का घेराव करने के डेढ़ दर्जन से अधिक पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है।

विरोध और बगावत की आग का सामना भाजपा को ग्वालियर-चंबल में भी करना पड़ रहा है। ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल का टिकट कटने  के बाद उनके समर्थक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल में घुस गए और उनकी गाड़ी के सामने लेट गए, इसके बाद खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठकर उनको शांत कराया।

वहीं ग्वालियर दक्षिण से टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा ने टिकट नहीं मिलने के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की है। अनूप मिश्रा ने सोशल मीडिया पर अटल जी कविता ‘रार नहीं मानूंगा, हार नहीं ठानूंगा’ पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है।  वहीं भिंड में बसपा से भाजपा में शामिल हुए विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने टिकट नहीं मिलने के बाद चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इसके साथ मुरैना में पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह बेटे राकेश सिंह बसपा में शामिल हो गए है और चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस में भी बागवत की आग- वहीं मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस भी बगावत से जूझ रही है। कांग्रेस को प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर विरोध का सामना करना पड़ा है। टिकटों के एलान के बाद कई विधानसभा सीटों पर पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज करा रहे है वह कई नेता दूसरी पार्टी का रूख कर रहे है।

कांग्रेस को सबसे अधिक बगावत का सामना उस ग्वालियर-चंबल में करनना पड़ा रहा है जिसके बल पर उसने 2018 में सूबे में अपनी सरकार बनाई थी। मुरैना से पार्टी के दो विधायकों सुमावली से अजब सिंहं कुशवाह और विधायक राकेश मावई का टिकट कटने के बाद दोनों ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। टिकट कटने से नाराज सुमावली विधायक अजब सिंह कुशवाह हाथ का साथ छोड़ हाथी पर सवार हो गए है। वहीं टिकट कटने के बाद कांग्रेस विधायक राकेश मावई ने एलान कर दिया है कि वह मुरैना की सभी सीटों पर कांग्रेस को हराएंगे।

इससे पहले कांग्रेस की ओर ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से दबंग और माफिया छवि वाले साहब सिंह गुर्जर को टिकट देने के विरोध में टिकट के दूसरे दावेदार केदार कंसाना ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

इसके साथ भोपाल की दो विधानसभा सीटों पर पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ा है। भोपाल में हुजूर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट के दावेदार जितेन्द्र कुमार डागा ने टिकट नहीं मिलने के बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं भोपाल दक्षिण पश्चिम से टिकट के दावेदार रहे संजीव सक्सेना का टिकट कटने के बाद अब विरोध के सुर उठ गए है। संजीव सक्सेना को मानने के लिए पार्टी ने उनके लिए छोटे भाई प्रवीण सक्सेना को पार्टी जिला अध्यक्ष बनाया है। यहां पर पीसी शर्मा के खास मोनू सक्सेना को जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। 

कांग्रेस को इंदौर में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। महू विधानसभा सीट से रामकिशोर शुक्ला को टिकट देने के विरोध में अंतर सिंह दरबार अपने सैक़ड़ों समर्थकों के साथ सड़क पर उतरकर विरोध जताया है। अंतर सिंह दरबार रामकिशोर शुक्ल को टिकट देने का विरोध कर किसी अन्य पार्टी या निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए है।

विरोध में फंस गया मध्यप्रदेश चुनाव?- मध्यप्रदेश में टिकट बंटवारे के बाद बगावत की ऐसी आग सुलग रही है कि कांटे का मुकाबला वाला मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव फंसता हुआ दिख रहा है। अगर 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजें को देखे तो बागियों ने 15 से अधिक  सीटों पर भाजपा और कांग्रेस का खेल खराब कर दिया है और अपनी ही पुरानी पार्टी के उम्मीदवारों को हारने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। ऐसे में इस बार जब 70 से अधिक सीटों दों ही पार्टियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है तब इसका सीधा असर चुनाव परिणाम पर भी पड़ सकता है।   


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Chhattisgarh Election 2023 : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की तीसरी सूची की जारी, 7 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान, देखें लिस्ट