मध्यप्रदेश में ग्वालियर-चंबल के बाद प्रदेश के सबसे पिछडे इलाकों में शामिल बुंदेलखंड़ की सबसे अधिक चर्चा है। बुंदेलखड़ के सबसे बड़े जिलों में शामिल टीकमगढ़ जिले की 3 विधानसभा सीटों सहित नए जिले निवाड़ी की 2 विधानसभा सीट में इस बार कई सीटों पर त्रिकाणीय मुकाबला नजर आ रहा है। वर्मतान में टीकमढ़ में तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
टीकमगढ़ विधानसभा सीट-टीकमगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर वर्तमान विधायक राकेश गिरि पर भरोसा जताया है. तो वहीं कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे यादवेन्द्र सिंह पर दांव लगाया है। 2018 विधानसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी राकेश गिरि ने कांग्रेस प्रत्याशी यादवेन्द्र सिंह बुंदेला को लगभग 3 हजार वोटों से हराया था. इससे पहले 2013 में भी यादवेन्द्र सिंह बीजेपी प्रत्याशी केके श्रीवास्तव से हार गए थे।
इस बार यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है। पूरे चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यादवेन्द्र सिंह भाजपा प्रत्याशी राकेश गिरि को कड़ी टक्कर देते हुए दिखाई दिए। कांग्रेस प्रत्याशी यादवेन्द्र सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव एक वोट से हार गए थे, इसलिए लोगों की सहानुभूति उनके पास है, वहीं इस सीट पर भाजपा को भितरघात का सामान करना पड़ सकता है। इस सीट पर भाजपा के बागी केके श्रीवास्तव निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे है।
खरगापुर विधानसभा सीट-टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट पर शिवराज सरकार के मंत्री राहुल सिंह लोधी चुनावी मैदान में है और उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस की चंदा सिंह से है। चुनावी अनुमान में है नजदीकी मुकाबले में यह सीट भाजपा के खाते में फिर जा सकती है। भाजपा की लाड़ली बहना योजना और लोधी वोटरों के सहारे एक बार फिर राहुल सिंह लोधी यहां जीत दर्ज कर सकते हैं.क्योकि यहां के लोधी वोटरों में उमा भारती की पकड़ बहुत मजबूत है और राहुल सिंह लोधी उमा भारती के भतीजे है।
खरगापुर विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा में अहिरवार, यादव और लोधी समाज के वोटर्स सबसे अधिक हैं. करीब 70 हजार वोटर्स एससी वर्ग से आते हैं. करीब 45 हजार अहिरवार बिरादरी के वोटर्स हैं तो लोधी समाज के 40 हजार वोटर्स यहां रहते हैं. साथ ही रैकवार वोटर्स की संख्या 35 हजार के करीब है।
जतारा विधानसभा सीट-टीकमगढ़ जिले की तीसरी विधानसभा सीट जतारा विधानसभा सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। जतारा विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक हरिशंकर खटीक को चुनावी मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहीं किरण अहिरवार मैदान में उतारा हैं। जातिगत समीकरण के आधार पर हार-जीत का आंकलन करें तो भाजपा का पलड़ा जतारा विधानसभा सीट पर भारी पड़ता दिख रहा है।
निवाड़ी जिले में चौका सकते है अन्य- बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले निवाड़ी जिले में निवाड़ी और पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला काफी दिचलस्प नजर आ रहा है। निवाड़ी विधानसभा सीट पर इस बार समाजवादी पार्टी चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकती है।
निवाड़ी विधानसभा सीट पर भाजापा ने मौजूदा विधायक अनिल जैन को फिर चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने अमित शाह और समाजवादी पार्टी ने मीरा दीपक यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। निवाड़ी विधानसभा सीट पर हार-जीत के गणित की बात करें तो यह पूरा समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन पर टिका है। उत्तर प्रदेश से सटे होने समाजवादी पार्टी का अच्छा प्रभाव है। हलांकि भाजपा इस सीट पर अभी बढ़त लेते हुए दिखाई दे रही है।
पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक शिशुपाल यादव और कांग्रेस अपने पुराने चेहरे नितेंद्र सिंह राठौडर को उतारा है, यह सीट नजदीकी मुकाबले में भाजपा जीत सकती है। सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां कुशवाहा 30,000, अहिरवार 25,000, यादव 23,000 और ब्राह्मण 20,000 हैं। जातिगत समीकरण के आधार पर आंकलन करें तो इस चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी का पलड़ा एक बार फिर कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है क्योंकि पिछले चुनाव में यादव वोट बैंक के साथ ब्रह्मण भी बीजेपी के साथ रहा है.