कमलनाथ ने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की खबर सामने आईं। हालांकि कुछ देर बाद इसका खंडन भी आ गया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद उनकी इस्तीफे की अटकलें चल रही थीं। हालांकि मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने इस्तीफे की खबर को निराधार बताया।
2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़कर कांग्रेस ने 15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी की थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद 15 महीने में उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। 2023 के चुनाव में कांग्रेस के खाते में 230 सीटों में से सिर्फ 66 सीटें आई। कुल मिलाकर वह तीन अंकों तक भी नहीं पहुंच पाई। कई बड़े नेता अपनी हार भी नहीं बचा पाए हैं।
मीडिया में इन नामों की चर्चा : मीडिया खबरों के मुताबिक अलाकमान अब कमलनाथ की जगह हाईकमान किसी युवा या प्रभावशाली नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दे सकता है। आदिवासी नेता के रूप में उमंग सिंघार का नाम भी मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में आगे चल रहा है।
दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह, मालवा के सक्रिय नेता जीतू पटवारी, महाकौशल के सक्रिय नेता तरुण भनोट और निमाड़ से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का नाम भी लिया जा रहा है।
स्वर्गीय अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह राहुल का नाम भी अध्यक्ष के लिए चर्चा में है। महाकौशल से ही आने वाले पार्टी के उपाध्यक्ष आलोक मिश्रा को भी कमलनाथ का बेहद करीबी माना जा रहा है। वे भी पीसीसी चीफ के लिए कमलनाथ की पसंद हो सकते हैं।