मप्र चुनाव के बीच देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी पर क्यों हुई FIR?
ऑटो वाले की पिटाई से लेकर पिस्टल जमा नहीं करने तक, क्यों विवादों में रहती हैं पूर्व विधायक शबनम मौसी?
शबनम मौसी... यह नाम आते ही करीब 22 साल पहले का वो साल 2000 का दशक याद आ जाता है, जब पूरे देश के अखबारों में यह खबर छपी थी कि देश की पहली किन्नर बनीं शबनम मौसी।
जी, हां। साल 2000 में शहडोल की विधानसभा सीट से शबनम मौसी देश की पहली किन्नर विधायक बनी थीं। शबनम मौसी आए दिन किसी न किसी वजह से चर्चा में रहती हैं।
कुछ महीनों पहले ही वह एक वेल्डिंग दुकान संचालक की दुकान से उसका मोबाइल उठाकर ले आई थीं, जिसकी शिकायत थाने में हुई थी। इसके बाद शबनम मौसी ने एक ऑटो चालक से मारपीट कर डाली। अब शबनम मौसी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का नया मामला कोतवाली अनूपपुर में दर्ज किया गया है। मध्यप्रदेश में हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ है। दिसंबर में परिणाम आने हैं, इस बीच शबनम मौसी एक बार फिर से चर्चा में हैं।
अब क्या किया शबनम मौसी ने?
शहडोल के सोहागपुर की पूर्व विधायक शबनम मौसी पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, पूर्व विधायक शबनम मौसी पर विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पिस्टल जमा नहीं कराने का मामला है। इस पर पुलिस ने धारा 188 और 29, 30 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद पुलिस ने शस्त्रधारियों को अपने-अपने शस्त्र जमा करने के लिए नोटिस जारी किया था। इसके बाद सभी शस्त्रधारियों ने अपने-अपने हथियार नजदीकी थानों में जमा कर दिए थे। लेकिन शबनम मौसी ने नहीं जमा नहीं किया।
बन्दूकें जमा कराईं, पिस्टल नहीं : पूर्व विधायक सोहागपुर (शहडोल) क्षेत्र की शबनम मौसी के पास पिस्टल व एक 12 बोर की दुनाली बन्दूक है। इस नोटिस पर शबनम मौसी ने पिस्टल को छोड़कर अन्य सभी बन्दूकों को जमा करा दिया था, लेकिन पिस्टल जमा नहीं कराई। बाद में पुलिस ने पिस्टल जमा कराने के लिए कई बार शबनम मौसी को नोटिस दिया था। इसके बाद भी शबनम मौसी ने शस्त्र जमा नहीं कराया। जिसके बाद उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। सोमवार को इस मामले में थाना कोतवाली अनूपपुर में धारा 188 और 29, 30 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
इतनी भाषाएं जानती हैं शबनम मौसी : शबनम मौसी फिलहाल 66 की हैं। वे मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के सोहागपुर निर्वाचन क्षेत्र से साल 2000 के उपचुनाव में निर्दलीय चुनी गई थीं। बता दें कि शबनम मौसी 14 से ज्यादा भारतीय भाषाएं जानती हैं। साल 2000 में शबनम मौसी ने 44.08 प्रतिशत वोट हासिल करके भाजपा के उम्मीदवार को 17 हजार 863 वोट से हराया था। इसके बाद शबनम मौसी ने साल 2018 में भी विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि वे हार गई थीं। देश की पहली किन्नर विधायक चुने जाने के बाद वे रातोंरात पूरे देश में चर्चित हो गई। हालांकि उनका राजनीतिक कॅरियर ज्यादा दिनों तक नहीं रह सका।
Edited By : Navin Rangiyal