इंदौर। श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय (SVVV) फॉरेंसिक साइंस विभाग इंदौर में कुलपति डॉ. उपेंद्र धर के मार्गदर्शन में 'फॉरेंसिक जागरूकता' पर 7वां प्रशिक्षणम 2022 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कुलदीप कुमार गुलिया महानिरीक्षक (IG) बीएसएफ इंदौर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम विशेष रूप से सीमा सुरक्षा बल (BSF) प्रशिक्षुओं और इंदौर के इन-सर्विस कर्मियों के लिए डिज़ाइन किया गया था। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में फॉरेंसिक विशेषज्ञ प्रो. डॉ. एमपी. गौतम, राष्ट्रीय स्तर के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल और डॉ. स्वाति दुबे मिश्रा थे।
कार्यक्रम में उन मुद्दों और खतरों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया जिनका सामना सीमा सुरक्षा बल को वर्तमान स्थिति में बॉर्डर की रक्षा दौरान करना पड़ता है। डॉ. गौतम ने अपने सत्र की शुरुआत मादक पदार्थो की पहचान व उसके तरीकों से की। उन्होंने उन फॉरेंसिक पहलुओं की बारीक जानकारी दी, जो कि क्रॉस बार्डर अंतकवादी गतिवधियों को पहचानकर रोकने मे मददगार होते हैं।
प्रो. रावल ने साइबर क्राइम और इसके प्रकारों के परिचय के साथ की। वे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइबर क्राइम सुरक्षा और गोपनीयता का पता लगाने के विभिन्न कारणों सामना करते हैं। ऑनलाइन लेन-देन, फ़िशिंग, विशिंग और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 पर चर्चा की। प्रो. रावल ने आइडेंटिटी थेफ्ट के बारे में बहुत गहराई से बताया की कैसे हम अपनी जानकारी लीक होने से रोकते हैं।
डॉ. स्वाति दुबे मिश्रा ने केस स्टडी के माध्यम से बायो मीट्रिक व डीएनए के महत्व को समझाया। इस कार्यक्रम में कमांडेंट ललित कुमार हरमदे और सौरभ सेकेंड इन कमांड (प्रशिक्षण) के साथ सीमा सुरक्षा बल (एसटीसी) इंदौर के 140 प्रशिक्षुओं और अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ. उपेंद्र धर ने की तथा समन्वयन डॉ. गौतम और डॉ. आशुतोष शुक्ला ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्वाति दुबे मिश्रा ने किया।