बुरहानपुर CMHO के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, RTI में जानकारी नहीं देने और आदेशों की अवहेलना पर कार्रवाई
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट
भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बुरहानपुर के सीएमएचओ डॉ विक्रम सिंह को आयोग के समक्ष हाजिर करने के लिए अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है। वहीं सूचना आयुक्त ने हेल्थ कमिश्नर आकाश त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ हेल्थ कमिश्नर की व्यक्तिगत सुनवाई के लिए समन भी जारी किया है। बार-बार सूचना आयोग के आदेशों की अवहेलना के चलते सूचना आयुक्त ने संभवत पहली बार सी अधिकारी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है।
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए इंदौर डीआईजी वारंट की तामील करा कर दोषी अधिकारी डॉ विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर आयोग के समक्ष 11 अक्टूबर को हाजिर करने के निर्देश दिए है।
क्या है पूरा मामला- बुरहानपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग में वाहन चालकों की नियुक्ति और पदस्थापना को लेकर अपीलकर्ता दिनेश सदाशिव सोनवाने ने 10 अगस्त 2017 को सीएमएचओ डॉक्टर विक्रम सिंह के समक्ष आवेदन लगाया था। लेकिन सीएमएचओ ने कानून का उल्लंघन करते हुए कोई भी जवाब 30 दिन में नहीं दिया इसके बाद आवेदक ने प्रथम अपील दायर की और प्रथम अपीलीय अधिकारी संयुक्त संचालक स्वास्थ्य इंदौर ने इसमें जानकारी देने के आदेश दिए।
आयोग ने डॉक्टर विक्रम सिंह को आयोग के समक्ष अपना जवाब पेश करने के लिए लगातार सात समन जारी किए पर इन सभी समनों को दरकिनार कर सीएमएचओ आयोग के समक्ष हाजिर नहीं हुए। आयोग ने इन समनों में डॉ विक्रम सिंह की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ कमिश्नर को को भी निर्देशित किया। इसे बाद आयोग ने सीएमएचओ पर 25 हजार का जुर्माना लगाया और कमिश्नर हेल्थ को 1 महीने में पेनल्टी की राशि जमा ना होने पर डॉक्टर सिंह की वेतन से काटकर आयोग में जमा करने के लिए निर्देशित किया। पिछ्ले 2 साल से लगातार इन सब कार्रवाईयो के बावजूद आयोग दोषी सीएमएचओ को अपने समक्ष हाजिर करवाने और उसके बाद जुर्माने की राशि वसूलने में विफल साबित रहा।
अब जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट- बुरहानपुर सीएमएचओ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा कि सीएमएचओ द्वारा जानबूझकर कर आयोग के आदेश की अवहेलना की गई। सिंह ने यह भी कहा कि आयोग के आदेश के बावजूद कमिश्नर द्वारा इसमें कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करने से कमिश्नर की नियत कार्रवाई नहीं करने की साफ झलकती है और यह मध्य प्रदेश आरटीआइ फीस अपील नियम 8 (6) (3), 2005 का उल्लंघन है।
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सीएमएचओ को कमिश्नर हेल्थ पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों अधिकारियों का व्यवहार संसद द्वारा स्थापित पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन सुनिश्चित करने वाले RTI कानून का मखौल उड़ाने वाला है।