भोपाल। मध्यप्रदेश के सांप्रदायिक हिंसाग्रस्त खरगोन जिले में निजी व लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही क्षतिपूर्ति वसूली के लिए आज राज्य सरकार ने पहली बार 'क्लेम ट्रिब्यूनल' (दावा अधिकरण) का गठन कर दिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस संबंध में गृह विभाग की ओर से अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गयी है और सेवानिवृत जिला न्यायाधीश डॉ. शिवकुमार मिश्रा को अधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार के सेवानिवृत सचिव प्रभात पाराशर को अधिकरण में सदस्य नियुक्त किया गया है।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने बताया कि दावा अधिकरण का मुख्यालय खरगोन जिला कलेक्ट्रेट नियत किया गया है। अधिसूचना में लिखा गया है, 'दावा अधिकरण द्वारा प्रत्येक दावा आवेदन का विनिश्चय कर दावों का अधिनिर्णित कर प्रतिकर घोषित किए जाने के लिए अवधि उक्त अधिसूचना जारी होने के दिनांक से तीन माह नियत की जाती है।'
डॉ राजौरा ने बताया कि राज्य के खरगोन में 10 अप्रैल को हुयी हिंसा में लोक और निजी संपत्ति को नुकसान के दावों का आकलन और उपद्रवकारियों से वसूली करने के लिए राज्य में पहली बार मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली अधिनियम 2021 के अधीन दावा अधिकरण का गठन करते हुए अधिसूचना प्रकाशित की गयी है।
अधिकरण के गठन के बाद अब नुकसान संबंधी दावे आमंत्रित किए जाएंगे और उनकी विधिवत सुनवायी के बाद इसकी जांच होगी और फिर नुकसान की वसूली संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी।
वसूली उन लोगों से भी की जा सकती है, जिन्होंने संपत्ति को नुकसान के लिए उकसाया है। यदि संबंधित व्यक्ति नुकसान की राशि नहीं भर पाएगा, तो उसकी संपत्ति की कुर्की भी की जा सकेगी। राज्य में इस तरह से वसूली संबंधी कार्य पहली बार होगा। हिंसाग्रस्त खरगोन में उपद्रवियों ने काफी संपत्ति काे नुकसान पहुंचाया है।