इंदौर। अध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज (50) ने एक सनसनी घटनाक्रम के तहत मंगलवार को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। उन्हें इंदौर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।
जानकारी के मुताबिक भय्यू महाराज का अंतिम संस्कार बुधवार को किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को बापट चौराहा स्थित उनके सूर्योदय आश्रम में रखा जाएगा।
बॉम्बे अस्पताल के सीएमओ के मुताबिक वहां पहुंचने से आधा घंटे पहले ही भय्यू महाराज की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है। घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक अस्पताल पहुंच गए। मौत से कुछ समय पहले ही उनके ट्विटर हैंडल से ट्वीट हुआ था।
उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले मध्यप्रदेश सरकार ने चार अन्य संतों के साथ उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन उन्होंने इस पेशकश को ठुकरा दिया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भय्यू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संत भय्यूजी महाराज को श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंतकाल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।
कांग्रेस का आरोप : कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी माणक अग्रवाल ने लगाया है कि भय्यू महाराज सरकार के दबाव में थे। सरकार चाहती थी कि वे उसके लिए काम करें, लेकिन भय्यूजी महाराज सरकार के लिए काम नहीं करना चाहते थे। सरकार उन पर दबाव बना रही थी। अत: मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती महाजन की श्रद्धांजलि : विश्वास नहीं होता कि भय्यूजी महाराज अब हमारे बीच नहीं रहे। उनकी पहचान एक आध्यात्मिक गुरु, समाजसेवी एवं विचारवान व्यक्तित्व के तौर पर थी। उन्हेंने समाज में बदलाव के लिए एवं सुधार के लिए व्यापक काम किए।
उन्होंने अपने संस्थान ”सूर्योदय“ के माध्यम से समाज में एक नई रौशनी लाने का प्रयास किया। बंजारा समुदाय के लिए उनकी विशेष चिंताएं थीं। उनके आश्रम में आने वाले लोगों में बड़ी तादाद महाराष्ट्र के सुदूर गांवों से थी।लोग उनके यहां एक आशा से आते और एक विश्वास लेकर जाते थे। उनके यहां आने वालों में सार्वजनिक जीवन के बड़े-बड़े नाम भी थे। उनका इस तरीके से असमय चले जाना व्यथित करता है।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे एवं उनके अनुयायियों एवं उनके परिवारजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। मेरी ओर से श्री भय्यूजी महाराज को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि।
राजनीति, फिल्म इंडस्ट्री और उद्योग जगत में हैं हाईप्रोफाइल भक्त : भय्यू महाराज के आश्रम में आने वाले पहले वीआईपी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख थे। उनके बाद देश के कई बड़े नेता, अभिनेता, गायक और उद्योगपति उनके आश्रम आ चुके हैं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, लता मंगेशकर, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी शामिल हैं।
सद्भावना उपवास के दौरान मोदी ने बुलाया था गुजरात : पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने देश भर के शीर्ष संत, महात्मा और धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया था। उसमें भय्यू महाराज भी शामिल थे।
भय्यू महाराज के निधन पर नेताओं ने जताई हैरानी : विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भय्यू महाराज के निधन पर हैरानगी जाहिर की है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, ‘आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज के निधन की खबर मिली। उनके साथ मेरे निजी संबंध थे। उनका असमय मृत्यु दु:खद है। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।'
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी इसी तरह का भाव प्रकट किया। उन्होंने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के वंचित वर्ग के लिए किये गये आध्यात्मिक गुरु के कार्यों की सराहना की। फडणवीस ने कहा कि भय्यू महाराज ने किसान और आदिवासी लोगों के लिए खास तौर पर काम किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भूमि सुधार, जल संरक्षण, किसानों के कल्याण और बाल शिक्षा के क्षेत्र में भय्यू महाराज के कार्य को हमेशा याद रखा जाएगा।’
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने आध्यात्मिक गुरु के सामाजिक और राजनीतिक कार्यों के लिए उन्हें याद किया। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी उनके निधन पर दु:ख जाहिर किया और कहा कि भय्यूजी महाराज ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कई सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया।