Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सर्वे से फाइनल होंगे उम्मीदवारों को टिकट, पढ़ें क्या है टिकट का क्राइटेरिया

हमें फॉलो करें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सर्वे से फाइनल होंगे उम्मीदवारों को टिकट, पढ़ें क्या है टिकट का क्राइटेरिया
webdunia

विकास सिंह

, गुरुवार, 6 अप्रैल 2023 (12:55 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर अब उम्मीदवारों के टिकटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने जमीनी तैयारी शुरु कर दी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस बार चुनावी मैदान में ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतराने की कोशिश में है जिसके सहारे सत्ता पर उसका कब्जा हो सके। विधानसभा चुनाव मेंं मजबूत उम्मीदवारों की तलाश के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां  बड़े स्तर पर सर्वे करा रही है। 

भाजपा में ट्रिपल लेयर का चुनावी सर्वे-सत्तारूढ़ दल होने के चलते भाजपा में टिकट के दावेदारों की संख्या सबसे अधिक है और इस लिहाज से पार्टी में टिकटों की मारमारी भी सबसे अधिक है। टिकट के दावेदारों की जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए भाजपा में कई स्तरों पर सर्वे का काम चल रहा है।

पहला और महत्वपूर्ण सर्वे पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कर रहा है जिसमें प्रदेश में भाजपा की जमीनी हकीकत जानने के साथ चुनाव में जीत की संभावनाओं को टटोलने का काम किया जा रहा है। गुजरात से जुड़ी एक एजेंसी इस पूरे सर्वे के काम को बड़ी गोपनीय तरीके से अंजाम दे रही है। सर्वे में पार्टी हाईकमान प्रदेश की मौजूदा सरकार और संगठन के कामकाज और उसकी लोकप्रियता को लेकर भी जनता का फीडबैक ले रहा है। बताया जा रहा है इस सर्वे की रिपोर्ट पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश में पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार करने के साथ चुनाव से पहले बड़े जरूरी बदलाव करेगा।    

वहीं भाजपा में दूसरा महत्वपूर्ण सर्वे खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी का प्रदेश नेतृत्व अपने स्तर पर करा रहा है। इस सर्वे के जरिए प्रदेश में पार्टी के मौजूदा हालात और लोगों के बीच सरकार की योजनाओं के फीडबैक को देखा जा रहा है। सर्वे में पार्टी के विधायकों औऱ मंत्रियों की मौजूदा स्थिति का आकलन कर सीधे रिपोर्ट सरकार और संगठन को सौंपी जा रही है। बताया जा रहा है कि सर्वे के रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष लगातार पार्टी के विधायकों से बातचीत कर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे है।  इसके साथ पार्टी संगठन इन सर्वे से मिलने वाले रिपोर्ट के आधार पर ही संगठन को मजबूत करने के लिए कई तरह के अभियान चल रही है।

वहीं सत्तारूढ़ दल के लिए एक सर्वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्वयंसेवक और अपने से जुड़े अनुषांगिक संगठनों से करा रही है। संघ की ओर से जा रहे इस सर्वे की रिपोर्ट ही प्रदेश में चुनावी साल में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की आने वाले समय की दिशा और दशा तय करेगा।

कांग्रेस में सर्वे ही टिकट पर लगाएगा मोहर- वहीं 18 साल बाद प्रदेश में फिर एक बार सत्ता की वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस में सर्वे ही उम्मीवारों के टिकट पर अंतिम मोहर लगाएगा। भाजपा की तुलना में कांग्रेस में सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ही सर्वे करा रहे है। कमलनाथ का फोकस उन विधानसभा सीटों पर है जहां पर पार्टी पिछला चुनाव हार गई थी। ऐसे में कमलनाथ ऐसी सीटों पर मजबूत उम्मीदवार की तलाश के लिए सर्वे को तरजीह दे रहे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने टिकट के दावेदारों  को साफ कर दिया है कि स्थानीय स्तर से सर्वे में जिस उम्मीदवार का नाम निकलकर आएगा, उसको ही टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस की सर्वे की रणनीति का एकमात्र मकसद जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती करना और भाजपा के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार चुनावी मैदान मे उतारना है।

इसके साथ सर्वे के जरिए कमलनाथ प्रदेश में जिलों और अंचल के हिसाब से स्थानीय मुद्दों की  तलाश कर रहे है जिसके सहारे पार्टी उन को चुनावी मुद्दा बना सके और चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही लड़ा जा सके। इसके लिए कमलनाथ विंध्य, महाकौशल, मालवा और ग्वालियर-चंबल में अलग-अलग सर्वे एजेंसियों से सर्वे करा रहे है। कमलनाथ सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार कर रहे है और जिले-जिले जाकर कार्यक्रम कर रहे है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सरकारी अस्पताल के बंद फ्रीजर में रखा शव सड़ा, बीएमओ को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस