भोपाल। सतना में मासूम स्कूली बच्चों के अपहरण के बाद बेरहमी से हत्या पर सूबे की सियासत गर्मा गई है। सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी आज पूरे प्रदेश में सड़क पर उतरकर कमलनाथ सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है।
नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि सरकार तबादलों में उलझी है और प्रदेश में गुंडों-बदमाशों का व्यापार चल रहा है। पुलिस प्रशासन आपराधिक घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने गृहमंत्री बाला बच्चन के इस्तीफे की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने पूरे मामले में लापरवाह पुलिसकर्मियों और अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी मुख्यमंत्री कमलनाथ से की है। कांग्रेस ने पूरे मामले पर बीजेपी पर पलटवार करते हुए सवाल किया है कि हर अपराध में भाजपा कनेक्शन क्यों सामने आता है।
मास्टरमाइंड का बीजेपी कनेक्शन : सतना में बारह दिन पहले स्कूल से अगवा मासूम बच्चों की हत्या मामले में पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनके पास से बीजेपी का झंडा लगी गाड़ी और मोटरसाइकल बरामद हुई है। मुख्य आरोपी और घटना के मास्टरमाइड पद्मकांत शुक्ला का भाई बीजेपी से जुड़ा है।
मुख्य आरोपी के भी बीजेपी नेताओं के साथ कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। आरोपी पद्मकांत शुक्ला भी बजरंग दल से जुड़ा हुआ था। इसके बाद सूबे की सियासत गर्म हो गई है। रीवा आईजी चंचल शेखर के मुताबिक पुलिस हर एंगल को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। बीजेपी ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
निकला मौन जुलूस : पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सिविल लाइन तिहारे से निकले शांति मार्च में बड़ी संख्या में स्कूल बच्चे और लोग शामिल हुए। शिवराज ने पूरे मामले को दलगत राजनीति से ऊपर रखकर उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। इस मौके पर सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रही है।
शिवराज ने सीधे सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि दिनदाहड़े हुए अपहरण के बाद भी पुलिस बच्चों को ढूंढ नहीं पाई और अपहरणकर्ताओं को पकड़ नहीं पाई। शोकसभा के बाद शिवराज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से आग्रह किया कि सरकार तत्काल ऐसे उपाय करें जिससे प्रदेश से डर, आतंक और भय का वातावरण खत्म हो और बेटे-बेटियां निर्भय होकर स्कूल जा सकें।