भोपाल। रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पर आज डॉ. मोहन यादव कैबिनेट की पहली ओपन-एयर कैबिनेट दमोह जिले के सिग्रामपुर में होने जा रही है। यह पहली बार है जब कैबिनेट की बैठक एक खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) में आयोजित की जा रही है, जो रानी दुर्गावती के समय की स्थापत्य कला से प्रेरित है। यहां की आर्किटेक्चरल छत और दीवारें रानी के जीवन की संपूर्ण यात्रा को जीवंत रूप से प्रस्तुत करेंगी, जिसमें नारी युद्ध, प्रगतिशील शासन, और महिलाओं के सशक्तिकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा। रानी दुर्गावती के सिंहासन कक्ष से प्रेरित बैठक रानी दुर्गावती के सुशासन, उनकी कार्यकुशलता और महिलाओं के सशक्तिकरण से प्रेरित है। इस बैठक का डिज़ाइन रानी दुर्गावती के किले की भव्यता को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें एक किला-नुमा प्रवेश द्वार और शिव मंदिर भी शामिल हैं।
इस आयोजन की डिज़ाइन में शानदार पत्थर की दीवारें, मेहराबदार खिड़कियाँ और एक मध्यकालीन किले की प्रामाणिकता को दर्शाने वाले तत्व शामिल होंगे। सजावट गोंड कला से प्रेरित होगी, जो रानी दुर्गावती के सिंग्रामपुर क्षेत्र के गोंड समुदाय के साथ उनके गहरे संबंध को उजागर करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यादव ने कहा कि गोंड साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती की 500 वीं जन्म वर्षगाँठ के अवसर पर हमने पूरे साल अलग-अलग प्रकार के कार्य करने का निर्णय किया था। मुझे इस बात का संतोष है कि सरकार के गठन के साथ ही जनवरी को पहली कैबिनेट बैठक रानी दुर्गावती और वीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम पर जबलपुर में की थी। उसके बाद अब 5 अक्टूबर को जन्म दिवस के अवसर पर वीरांगना रानी दुर्गावती की पहली राजधानी सिंग्रामपुर में शनिवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमें गौरवान्वित होना चाहिये कि हमारी वीरांगना रानी दुर्गावती ने देश की उस समय की कठिन परिस्थितियों में न केवल सुशासन बल्कि वीरता की भी बड़ी मिसाल पेश की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश के सभी विरोधियों से न केवल डटकर मुकाबला किया बल्कि सुशासन की भी मिसाल पेश की। महिला सशक्तिकरण की दिशा में इससे बड़ा उदाहरण कोई नहीं हो सकता है कि रानी दुर्गावती ने अपने राज्य की रक्षा करते हुए एक प्रकार से बहनों को साथ लेकर सेना का नेतृत्व किया। दुश्मनों से मुकाबला किया, जब मौका मिला तो देश पर अपने आपको कुर्बान कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस अवसर पर "श्रीअन्न प्रोत्साहन की एक नई योजना" का शुभारंभ भी हो रहा है जिसमें वर्ष 2024-25 में कोदो-कुटकी उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए मोटे अनाज की फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों की राज्य सरकार मदद करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन सभी गतिविधियों के पीछे भाव यह है कि हम अपने अतीत के उन सभी गौरवाशाली महापुरुषों और वीरांगनाओं को याद करें जिनसे हमारा देश और प्रदेश गौरवान्वित हुआ है।