भोपाल। मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक शहरों की संस्कृति और ऐतिहासिकता से युवा पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए सरकार अब इन शहरों के एंट्री प्वाइंट पर प्रवेश द्वार बनाने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुताबिक प्रदेश के सभी नगरों में प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राज्य राजमार्गों के साथ ही मार्गों पर नगरों की संस्कृति, उनकी ऐतिहासिकता तथा विशिष्ट पहचान को दर्शाते प्रवेश द्वारों का निर्माण कराए जाएंगे जाए। यह प्रवेश द्वार नगरों की पहचान बनने के साथ-साथ मार्गों पर निगरानी करने तथा सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी उपयोगी सिद्ध होंगे।
भोपाल के प्रवेश द्वार का नामकरण-राजधानी भोपाल के प्रवेश के भगवान राम, राजा भोज, राजा विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के नाम पर किए जाएंगे। गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के इतिहास से जुड़ी महान विभूतियों के नाम पर भोपाल के मार्गों पर द्वार स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति से जुड़े महापुरुषों भगवान राम, राजा भोज, राजा विक्रमादित्य, सम्राट अशोक आदि के नाम पर इन द्वारों का नामकरण किया जाएगा।
इसके साथ मोहन यादव सरकार भोपाल में नमो उपवन का निर्माण कराने जा रही है। यह पंडित दिनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के पास बनाया जाएगा। इसके साथ डॉ. मोहन यादव सरकार राजधानी भोपाल में राजा भोज की कलाओं और साहित्य पर आधारित रिसर्च सेंटर या म्यूजियम बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यटन बोर्ड को इसके लिए निर्देश दिए। इसके साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के पारम्परिक भव्य मेलों और यात्राओं जैसे भगोरिया उत्सव एवं महाकाल की सवारी आदि का प्रभावी माध्यम से प्रचार करने के निर्देश दिए।
इंदौर के प्रवेश द्वार का निर्माण- मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में उज्जैन व धार रोड पर प्रवेश द्वार निर्माण की कार्य की अनुमति मिलने के साथ इसके लिए 3.39 करोड़ की राशि भी स्वीकृति हो चुकी है। इंदौर शहर के सात प्रमुख मार्ग अन्य महत्वपूर्ण शहर मुंबई, राजधानी भोपाल, धार्मिक नगरी उज्जैन, अहमदाबाद, नेमावर, खंडवा और देपालपुर से जुड़े हुए हैं। इंदौर जो स्वच्छता में लगातार सात बार देश में प्रथम स्थान पर रहा है, उसके प्रवेश द्वार के माध्यम से इंदौर की भव्यता, स्वच्छता, भौगोलिकता आदि को वर्णित करने के लिए प्रमुख शहरों को जोडऩे वाले मार्गों पर प्रवेश द्वार निर्माण की प्लानिंग की गई है।
ग्वालियर के प्रवेश द्वार में इतिहास की छाप- प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर शहर के ऐतिहासिक वैभव को ध्यान में रखते हुए शहर के चारों ओर के मार्गों पर प्रवेश द्वार बनाए जा रहे है। इन चारों प्रवेश द्वारों का निर्माण अलग-अलग थीम ग्वालियर का किला, जयविलास पैलेस, सास बहू मंदिर एंव तानसेन के मकबरे पर किया गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर इन्वेस्टर्स समिट में ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित जय विलास प्रवेश द्वार का लोकार्पण भी कर दिया है।