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मुख्‍यमंत्री शिवराज ने पटवारी भर्ती परीक्षा की नियुक्तियों पर लगाई रोक

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भोपाल , गुरुवार, 13 जुलाई 2023 (21:16 IST)
Ban on Madhya Pradesh Patwari recruitment appointments : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह- दो, उप समूह-चार एवं पटवारियों के लिए आयोजित की गई भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगने के बाद इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों पर गुरुवार को रोक लगा दी।
 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर पटवारियों के लिए आयोजित की गई भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने के कुछ ही घंटे बाद चौहान ने यह रोक लगाई है।
 
इस परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ भोपाल और इंदौर सहित राज्य के कई हिस्सों में बेरोजगार युवाओं ने आज दिन में विरोध प्रदर्शन भी किया। इस परीक्षा के परिणाम मई और जून में घोषित किए गए थे।
 
चौहान ने ट्वीट किया, कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-दो, उप समूह-चार एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक केंद्र के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। केंद्र के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।
 
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान ने कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा समूह-दो, उप समूह-चार एवं पटवारी भर्ती परीक्षा परिणाम के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। परीक्षा के एक केंद्र के परिणाम पर संदेह की स्थिति में यह निर्णय लिया गया।
 
इसमें कहा गया है, मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा मार्च-अप्रैल 2023 में समूह-दो, समूह-चार के लिए एवं पटवारी पद के लिए आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा के परिणाम में 8,617 पद की मेरिट (योग्यता) सूची 30 जून 2023 को जारी की गई थी।
 
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं। नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं और सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है।
 
उन्होंने कहा, भर्ती घोटालों से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही क्यों सामने आता है। प्रियंका ने लिखा, नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं। भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है।
 
बेरोजगार युवाओं ने मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के भोपाल कार्यालय के सामने और इंदौर कलेक्टरेट परिसर के सामने परीक्षा रद्द करने और कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
 
प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल को पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल या व्यापमं के नाम से जाना जाता था। प्रदर्शन में शामिल संगठन नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य राधे जाट ने कहा, पटवारी भर्ती घोटाले को लेकर राज्य के युवाओं में खासा आक्रोश है। हम चाहते हैं कि इस घोटाले की एसआईटी या सीबीआई से जांच कराई जाए।
 
कांग्रेस का आरोप है कि पटवारियों की भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली की गई और शीर्ष 10 चयनित उम्मीदवारों में से सात ने ग्वालियर के एक निजी महाविद्यालय में बनाए गए केंद्र में भर्ती परीक्षा दी थी। कांग्रेस का दावा है कि यह महाविद्यालय सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक द्वारा चलाया जा रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस भर्ती परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया है।
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राहुल गांधी बोले- मध्य प्रदेश का 'पटवारी परीक्षा घोटाला', 'व्यापमं घोटाला 2.0' है : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में पटवारियों (राजस्व विभाग के कर्मचारियों) की भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि यह ‘व्यापमं 2.0’ है।
 
उन्होंने मध्य प्रदेश में इस विषय को लेकर किए गए एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, मध्य प्रदेश में भाजपा ने युवाओं से सिर्फ चोरी की है! पटवारी परीक्षा घोटाला, व्यापमं घोटाला 2.0 है, जो प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, पहले, भाजपा ने जनता की चुनी हुई सरकार चोरी की, अब विद्यार्थियों से उनका हक़, युवाओं से रोज़गार चोरी कर रही है।
 
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, मध्यप्रदेश में भाजपा के शासनकाल में एक के बाद एक घोटाले हुए हैं और अभी भी हो रहे हैं। पटवारी परीक्षा घोटाला सबसे नया मामला है। हर सभा में भ्रष्टाचार पर प्रवचन देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले इस घोटाले की जांच करवाएंगे?
 
मध्य प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि पटवारियों की भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली की गई और शीर्ष 10 चयनित उम्मीदवारों में से सात ने ग्वालियर के एक निजी महाविद्यालय में बनाए गए केंद्र में भर्ती परीक्षा दी थी। कांग्रेस का दावा है कि यह महाविद्यालय सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक द्वारा चलाया जा रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस भर्ती परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया है।
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पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर कमलनाथ का बयान : मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है।

मैं मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि कोई भी फैसला ऐसा होना चाहिए, जिसमें अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं हो। नियुक्तियां रोकना एक बात है और असली दोषियों को पकड़ना दूसरी बात है। व्यापमं और नर्सिंग घोटाले में भी सरकार ने इससे मिलती-जुलती कार्यवाही करके मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी और सत्ताधारी दल से जुड़े मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाया था।

मध्य प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ताधर्ता कौन हैं और उनका भारतीय जनता पार्टी से क्या संबंध है और अगर संबंध है तो वह कानून के शिकंजे में कब आएंगे?
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)

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