बालाघाट के चिन्नौर चावल को मिला GI Tag, किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
मध्यप्रदेश को कृषि सेक्टर में चिन्नौर के रूप में पहला GI टैग
भोपाल। कृषि क्षेत्र में मध्य प्रदेश को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। बालाघाट जिले में पैदा होने वाले चिन्नौर चावल को GI टैग दिया गया है। GI टैग मिलने से चिन्नौर को दुनिया भर में पहचान और अच्छी कीमत मिल सकेगी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर WIPO की तरफ से GI टैग जारी किया जाता है। चिन्नौर चावल को जीआई टैग मिलने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और और केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों को बधाई दी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि चिन्नौर को GI टैग मिलने से प्रधानमंत्री के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को गति मिलेगी।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिन्नौर चवाल को जीआई टैग मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को न केवल उनका हक मिला है, बल्कि उनके आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। GITag से निश्चय ही किसानों की आय में बढोत्तरी के साथ प्रदेश की समृद्धि का भी पथ प्रशस्त होगा।
खास बात ये है कि एग्रीकल्चर सेक्टर में चिन्नौर के रूप में पहला GI टैग मिला है। इससे पहले प्रदेश में 7 ही प्रोडक्ट्स को GI रैंकिंग मिली है। इस मसले पर मुरझड़ कृषि महाविद्यालय के साइंटिस्ट डॉक्टर उत्तम बिसेन कहते हैं कि जीई टैग मिलने से बालाघाट जिले को धान के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी। जिले के 25 गांवों में किसानों द्धारा पैदा किए जाने वाला चिन्नौर चवाल अपने विशिष्ट गुणों के कारण प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश की सरकरा एक जिला-एक उत्पाद योजना तहत चिन्नौर के उत्पादन को प्रमोट कर रही है।