भोपाल। अयोध्या में भगवान राममंदिर का भव्य मंदिर निर्माण के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार भगवान राम के जीवन काल से जुड़े अहम स्थान चित्रकूट का विकास अयोध्या की तर्ज पर करने जा रही है। गौरतलब है कि भगवान राम ने अपने वनवास का सार्वधिक समय चित्रकूट में बिताया था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कैबिनेट की बैठक में चित्रकूट में श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास की पहली बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीराम वन पथ गमन के विकास की कार्य योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। प्रथम चरण में पथ के अयोध्या से चित्रकूट तक के विकास के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में गतिविधियां संचालित की जायेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट का विकास अयोध्या की तर्ज पर किया जाएगा, इसके लिए पांच विशेषज्ञों की समिति बनाकर काम आरंभ किया जाएगा।
मंगलवार को चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय सभागार में श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास की पहली बैठक में चित्रकूट का अयोध्या की तरह विकास करके इसे भगवान राम के जीवन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाने का निर्णय किया गया। बैठक में निर्णय हुआ कि चित्रकूट सहित राम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। प्रदेश में राम वन पथ गमन मार्ग में 1450 किलोमीटर की दूरी शामिल है। इसमें 23 प्रमुख धार्मिक स्थल है,जिनमें सतना, पन्ना, कटनी, अमरकंटक, शहडोल, उमरिया आदि स्थल शामिल हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि रामवन गमन पथ के प्रमुख स्थलों का विकास करने के साथ क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के कार्यों के साथ-साथ धार्मिक चेतना, आध्यात्मिक विकास और राम कथा से जुड़े आयामों को भी शामिल किया जायेगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चित्रकूट के दीवाली मेले तथा अमावस्या मेले में रामकथा और राम के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी एवं राम वन पथ गमन से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित करायें। इसके लिए अमावस्या मेले को पर्यटन कैंलेंडर में शामिल करने का निर्णय भी लिया गया।